लोकतंत्र में दिमाग नहीं, सिर गिने जाते – आजम खान, पूर्व मंत्री
December 10, 2019
रामपुर, समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान ने कहा है कि लोकतंत्र में दिमाग नहीं, सिर गिने जाते हैं. यह बात उन्होने सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल लोकसभा में पास होने पर कही.
सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल पर आजम खान ने कहा, “ताकत के बल पर फैसला हुआ है. ताकत भी बड़ी ताकत है. विपक्ष की तादाद कम है. विपक्ष कितनी भी सही बात कहे उसकी सुनवाई नहीं होगी. लेकिन अच्छे लोकतंत्र की मिसाल ये है कि सत्ता पक्ष को न सिर्फ विपक्ष की सही बात को सुननी चाहिए, बल्कि मान लेनी चाहिए. जिस सवाल पर आज देश बंटा हुआ है, उसी सवाल पर तो 1947 में देश का विभाजन हुआ था.
लेकिन जो लोग पाकिस्तान नहीं गए थे, उनके पास रास्ता था पाकिस्तान जाने का. मुसलमानों के अलावा किसी के पास आप्शन नहीं था पाकिस्तान जाने का. लेकिन जो लोग उस वक्त पाकिस्तान नहीं गए शायद उनसे ज्यादा बड़े देश भक्त थे, जिन्हें जाने का आप्शन नहीं था. अगर उस देशभक्ति की यही सजा है तो उस पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती क्योंकि लोकतंत्र में दिमाग नहीं सिर गिने जाते हैं.
लोकसभा ने विधेयक को सात घंटे से अधिक समय की चर्चा के बाद आधी रात के कुछ समय बाद पारित कर दिया. विधेयक के पक्ष में कुल 311 मत और विरोध में 80 मत पड़े. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधेयक के पारित होने के दौरान सदन में मौजूद नहीं थे.