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संयुक्त रूप से चुना गया साल 2018 का नोबेल प्राइज विजेता

नईदिल्ली, साल 2018 के नोबेल प्राइज विजेता की घोषणा हो चुकी है।शांति के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने के लिए इस साल शांति का नोबेल पुरस्कार डेनिस मुकवेज और नादिया मुराद को संयुक्त रूप से चुना गया है।

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दुनियाभर के युद्धग्रस्त क्षेत्रों में यौन हिंसा के खिलाफ काम करने के लिए कांगो के डॉक्टर डेनिस मुकवेगे और यजीदी कार्यकर्ता नादिया मुराद को 2018 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया।इन दोनों ने यौन हिंसा को युद्ध के हथियार की तरह इस्तेमाल होने के खिलाफ प्रयास में अपना बड़ा योगदान दिया है।नोबेल समिति की अध्यक्ष बेरिट रेइस एंडरसन ने यहां नामों की घोषणा करते हुए कहा कि एक और शांतिपूर्ण दुनिया केवल तभी हासिल की जा सकती है जब महिलाएं और उनके मौलिक अधिकार और सुरक्षा को युद्ध में पहचाना और संरक्षित किया जाए।

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बता दें कि नादिया मुराद, मलाला युसूफजई के बाद दूसरी सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता हैं। मलाला युसूफजई को साल 2014 में 17 साल की उम्र में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था।25 वर्षीय इराकी महिला नादिया मुराद को 2014 में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था और वहां से भागने से पहले तीन महीने तक सेक्स गुलाम के रूप में रखा था। वे 2016 में सम्मानीय सखारोव मानवाधिकार पुरस्कार भी जीत चुकी हैं। उसी साल यूरोपीय काउंसिल की तरफ से वे एक अन्य मानवाधिकार पुरस्कार भी जीत चुकी हैं।

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वहीं, पेशे से गायनेक्लोजिस्ट 63 वर्षीय डॉ. मुकवेज को उनके द्वारा युद्धग्रस्त पूर्वी डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में महिलाओं को हिंसा और बलात्कार और यौन हिंसा के सदमे से बाहर निकालने में दो दशकों तक काम के लिए मान्यता मिली थी।वे लंबे समय से यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं के लिए काम करते आ रहे हैं। 2011 में उन्होंने अपने लेख में सेंट्रल अफ्रीका के देश ईस्ट कोंगो को दुनिया का रेप कैपिटल कहा था। उन्होंने इसे धरती पर महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक जगह बताई थी मुकवेज ने बलात्कार के हजारों पीड़ितों का इलाज किया है जिनमें महिलाएं, बच्चे और यहां तक ​​कि कुछ महीने के शिशु भी शामिल हैं। उन्हें डॉक्टर चमत्कार के रूप में जाना जाता है, वह युद्ध के दौरान महिलाओं के दुरुपयोग का एक मुखर आलोचक हैं, जिसने बलात्कार को सामूहिक विनाश का हथियार बताया है।

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इस बार प्रतिष्ठित शांति पुरस्कार के लिए कुल 331 व्यक्तियों और संगठनों को नॉमिनेट किया गया था, जो एक रिकॉर्ड संख्या है। यह पुरस्कार स्वीडिश फिलेंथ्रोपिस्ट और साइंटिस्ट अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि 10 दिसंबर को ओस्लो में एक समारोह में प्रदान किया जाएगा। नोबेल शांति पुरस्कार किसे दिया जाए, इसका निर्णय रॉयल स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज करती है। इसके तहत 10.1 लाख अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि दी जाती है। शांति पुरस्कार ज्यादा से ज्यादा तीन लोगों के बीच साझा की जा सकती है।

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