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हिंदी अखबारों के बारे मे क्या सोंचतें हैं, मुसलमान पाठक- एक सर्वे रिपोर्ट

नयी दिल्ली, हिंदी अखबारों के बारे मे , मुसलमान पाठक क्या सोंचतें हैं। यह निष्कर्ष दिल्ली एनसीआर के कुल 20 मुस्लिम इलाकों और हरियाणा के पांच शहरों में मुस्लिम समुदाय के लोगों से बातचीत करके निकाला गया।यह सर्वेक्षण दिसंबर 2018 से जनवरी 2019 के बीच किया गया। इसमें कुल 266 लोगों से बातचीत की गयी।

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बड़ी संख्या में मुसलमान पाठक मानते हैं कि हिंदी अखबार मुसलमानों के प्रति पूर्वाग्रह रखते हैं और उनका कहना है कि हिंदी अखबारों को उनके समुदाय को और अधिक कवरेज देना चाहिए। सर्वे के परिणाम बताते हैं कि 84 प्रतिशत मुसलमान पाठकों का मानना है कि हिंदी अखबारों को उनके समुदाय को ज्यादा कवरेज देना चाहिए। वे हिंदी अखबारों को मुसलमानों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित और द्वेषपूर्ण मानते हैं।

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उनका कहना है कि ये अखबार या तो उनके बारे में रिपोर्ट नहीं करते हैं या वे रिपोर्ट करते भी हैं तो उनकी रिपोर्टिंग का लहजा और रवैया नकारात्मक होता है। सर्वे के परिणामों में दावा किया गया है कि मुस्लिम इलाकों में भी उर्दू अखबारों की तुलना में हिंदी अखबार की ज्यादा प्रतियां बिकती हैं। लेकिन यह तथ्य हिंदी अखबारों की संपादकीय नीति में परिलक्षित नहीं होता है।

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हर अखबार अपने लक्षित पाठकवर्ग के सभी मसलों को उचित कवरेज देने की कोशिश करता है। लेकिन मुसलमानों के मामले में, जो कि काफी तादाद में हिंदी अख़बारों के पाठक हैं, बड़े से बड़ा अखबार उनकी निरंतर अनदेखी करता है। दिल्ली और हरियाणा में अधिकतर मुसलमान उर्दू के बजाय हिंदी भाषा के अखबार पढ़ते हैं, जबकि वे अपने रोजमर्रा के जीवन में उर्दू बोलते हैं।

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सर्वे में शामिल लोगों में से 44 प्रतिशत, सिर्फ हिंदी अखबार पढते हैं; 23 प्रतिशत ने कहा कि वे हिंदी के साथ-साथ उर्दू अखबार भी पढ़ते हैं। यानी कुल 67 प्रतिशत मुस्लिम आबादी ऐसी है जो हिंदी अखबार पढ़ती है।सर्वेक्षण में जब पूछा गया कि क्या आपको मुस्लिम त्योहार जैसे रमजान, ईद आदि पर विशेष फीचर पढ़ने को मिलते हैं? तो 54 प्रतिशत प्रतिभागियों ने ‘हां’ में जवाब दिया; 34 प्रतिशत ने ‘नहीं’ कहा; 12 प्रतिशत ने कोई जवाब नहीं दिया। मुस्लिम पाठकों के बीच हिन्दी समाचार पत्रों के बारे में यह सर्वेक्षण वरिष्ठ पत्रकार शाहीन नजर की देख्ररेख में किया गया। इसे दिल्ली से आठ वर्षों से प्रकाशित होने वाली मासिक शोध पत्रिका जन मीडिया (हिन्दी) और मास मीडिया (अंग्रेजी) के अप्रैल 2019 के अंक में प्रकाशित किया गया है।

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इस सर्वेक्षण में जिन इलाकों को शामिल किया गया, उनमें पुरानी दिल्ली क्षेत्र (किशनगंज, बल्लीमारान, नबी करीम); पूर्वी दिल्ली (घोंडा, जाफराबाद, मुस्तफाबाद, मानसरोवर पार्क, सीमापुरी); दक्षिण दिल्ली (अबुल फजल एन्कलेव, ज़ाकिर नगर, शाहीनबाग, कंचनकुंज, जैतपुर, वसुंधरा एन्कलेव, त्रिलोकपुरी); पश्चिमी दिल्ली (रघुवीर नगर, उत्तम नगर, जहांगीरपुरी, विकास नगर); और लोनी; हरियाणा (बल्लभगढ़, नूंह, पानीपत, सिकरावा, गुरुग्राम) हैं।

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