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सेवा दान फाउंडेशन द्वारा विलुप्त हो रहे हॉर्नबिल पंक्षी को वन विभाग की सूचना पर किया गया रेस्क्यू

कानपुर, हॉर्नबिल पंक्षी (Hornbill Bird) एशिया, अफ्रीका, मलेशिया में मुख्यतः मिलता है। भारत में भी हॉर्नबिल पाया जाता है। इसकी मुख्यतः 55 प्रजाति संसारभर में मिलती है। भारत में 9 प्रजाति पायी जाती है। भारत की मुख्य प्रजाति इंडियन ग्रे हॉर्नबिल है।

गोविंद नगर से वन विभाग की सूचना पर संस्था द्वारा इसे रेस्क्यू किया गया ! रेस्क्यूअर द्वारा इस पंक्षी को डॉ अश्वनी जो कि वेटनरी हैं उनको दिखाया गया अब धनेश ठीक है और एन जी ओ की देख रेख में है।

यह पक्षी मुख्यतः सर्वाहारी है। इसका मुख्य भोजन फल, कीड़े या छोटे जानवर होते है। कुछ प्रजाति केवल फल खाती है तो कुछ सर्वाहारी होती है। हॉर्नबिल छोटे पक्षियों को भी खा जाता है।

आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि हॉर्नबिल पक्षी (Hornbill Bird) पेडो में बने कोटर या हॉल में रहते है। यही उनका निवास स्थान होता है।
मादा पक्षी इसी कोटर में करीब 2 से 6 अंडे देती है। अंडों की संख्या हॉर्नबिल की प्रजाति पर निर्भर है। अंडों से बच्चे निकलने तक मादा हॉर्नबिल कोटर में ही रहती है। अंडों से बच्चे निकलने का समय 25 से 50 दिन होता है। भोजन प्रबंध का कार्य नर हॉर्नबिल करता है।

बच्चों के वयस्क होने तक कोटर की शिकारियों से हिफाजत की जाती है। इसके लिए नर घोंसले को सील कर देता है जिसमें केवल भोजन देने का छेद रहता है। इस छेद के जरिये नर हॉर्नबिल मादा और बच्चो को भोजन देता है। बच्चो के बड़े होने पर मादा हॉर्नबिल घोंसले पर बनी दीवार को हटा देती है।