शिमला, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने बढ़ते कोरोना संक्रमण मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्य सरकार को दो दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी और न्यायाधीश अनूप चिटकारा की युगल खंडपीठ ने गत दिवस स्वतः संज्ञान लेते हुए सरकार को राज्य में तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को रोकने के लिए उठाए कदमों से हाईकोर्ट को अवगत कराने को कहा है।
ज्ञातव्य है कि सरकार की ओर से प्रतिबंध हटाने के बाद कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई। अब प्रतिदिन 600 से अधिक मामले आ रहे हैं। शिमला में प्रतिबंधों में ढील और शोघी बैरियर हटाने से कोविड-19 मामले बढ़े हैं।
अंकुश हटने के बाद बड़ी संख्या में लोग महामारी फैलाते हुए शिमला शहर का दौरा कर रहे हैं। जिले में गत पांच नवंबर के बाद मामले अचानक बढ़े 1,064 में से 780 मामले इस दौरान ही आए। पहला कोरोना का मामला 24 मई को आया था और प्रतिबंधों के हटने के बाद तीन से पांच की औसत से प्रतिदिन मामलों का औसत बढ़कर 34 हो गया।
नवंबर में इन मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बाहर से आने वाले लोगों की कोई जांच नही हो रही। शिमला और अन्य पर्यटक रिसॉर्ट्स में आने वाले लोगों से कोरोना फैलने का डर स्थानीय लोगों को चिंतित कर रहा है। बता दे कि हिमाचल में उत्तराखंड, राजस्थान और केरल के पर्यटकों के आने से बीमारी का खतरा बढ़ गया हैं। हाईकोर्ट में मामले पर अगली सुनवाई कल 13 नवंबर को होगी।