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जीएसटी परिषद की बैठक में हुये ये निर्णय, मोबाइल फोन पर पड़ी जीएसटी की मार

नयी दिल्ली, जीएसटी परिषद की आज हुयी 39वीं बैठक में अहम निर्णय लिये गयें है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने कर से अधिक इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की मांग आने के कारण मोबाइल फोन पर जीएसटी को 12 से 18 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि टेक्सटाइल, उर्वरक और फुटवेयर पर अगली बैठकों में निर्णय लिया जायेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की आज हुयी 39वीं बैठक में ये निर्णय लिये गये। बैठक के बाद श्रीमती सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि मोबाइल फोन, टेक्सटाइल, उर्वरक और फुटवेयर से जितना जीएसटी राजस्व मिल रहा है उससे अधिक की आईटीसी की मांग आ रही है। इसकी वजह से आईटीसी रिफंड में विलंब हो रहा है। इसके मद्देनजर इन उत्पादों पर जीएसटी को तर्कसंगत बनाने के उद्देश्य से चर्चा की गयी लेकिन सिर्फ मोबाइल फोन और उसके कुछ विशेष कलपुर्जे पर जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 फीसदी करने का निर्णय लिया गया है जो एक अप्रैल 2020 से प्रभावी होगा।

इस बढोतरी से मोबाइल फोन की कीमतों में बढोतरी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका निर्धारण विनिर्मातााओं को करना है लेेकिन जब आईटीसी रिफंड अटका हुआ है तो उससे कंपनियों को ही नुकसान हो रहा है और इसकी भरपाई वे ग्राहकों से कर रही रहे हैं। अब इस बढोतरी से उन्हें आईटीसी रिफंड मिल सकेगा। इस श्रेणी के अन्य उत्पादों पर अगली बैठकों में निर्णय लिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि माचिस पर जीएसटी को भी तर्कसंगत बनाया गया है। अब हस्तनिर्मित और मशीन निर्मित माचिस पर एक समान 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। अभी हस्तनिर्मित पर पांच प्रतिशत और मशीन निर्मित पर 18 प्रतिशत जीएसटी है। उन्होंने कहा कि देश में विमानों के मरम्मत, रखरखाव और ओवरहॉलिंग (एमआरओ) उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस सेवा पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत कर दिया गया है और पूरा आईटीसी भी मिलेगा। इसके साथ ही इस सेवा की आपूर्ति करने वालों की वजाय बी2बी के मामले में इस सेवा को लेने वालों पर जीएसटी लगेगा। ये निर्णय भी एक अप्रैल 2020 से प्रभावी होगा।