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भारी मात्रा में औषधियों, चिकित्सा उपकरणों के निर्माण के लिए शुरू हुईं ये योजनायें

बल्क औषधियों, चिकित्सा उपकरणों के निर्माण के लिए चार योजनाओं की शुरुआत

नयी दिल्ली, सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश में बल्क औषधियों और चिकित्सा उपकरणों के घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के लिए चार योजनाओं की शुरुआत की है।

रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी बी सदानंद गौड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में बल्क औषधियों और चिकित्सा उपकरणों के निर्माण को बढ़ावा देने की औषध विभाग के चार योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर उर्वरक एवं रसायन राज्य मंत्री मनसुख मांडविया, नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और औषध विभाग के सचिव पी डी वाघेला उपस्थित थे।

श्री गौड़ा ने कहा कि देश का औषधि उद्योग मात्रा के हिसाब से दुनिया में तीसरे स्थान पर है और कोविड-19 के दौरान 120 देशों को जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति की गयी है। उन्होंने कहा कि आवश्यक दवाओं के उत्पादन के लिए देश में बुनियादी कच्ची सामग्री (बल्क ड्रग), बुनियादी प्रारंभिक सामग्री (केएसएम), ड्रग इंटरमीडिएट (डीआई) और सक्रिय औषधि घटक (एपीआई) का आयात किया जाता है । इसी प्रकार देश में 86 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों का आयात किया जाता है।