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यूपी पुलिस की इमेज को बदल रहा है, यह पुलिस अफसर

लखनऊ ,  उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ  के एसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा लाकडाऊन के दौरान एक एसे पुलिस अफसर के रूप मे सामने आयें हैं जो जनता मे यूपी पुलिस की  इमेज को बड़ी तेजी से बदल रहें हैं।

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लाकडाऊन के दौरान बेसहारा रिक्शाचालकों, मजदूरों को खाना खिलाने की बात हो या 70 साल के ब्लड प्रेशर के मरीज की दवा खरीदकर उसके घर पहुंचाने की जिम्मेदारी हो या फिर प्राणि उद्यान मे जानवरों की सेवा मे लगे कर्मचारियों को मास्क, ग्लव्ज, सैनिटाइजर और छाते उपलब्ध करवाना हो। हर स्थान पर एक नाम, चिरंजीव नाथ सिन्हा, जो वर्तमान मे लखनऊ मे एसीपी मध्य जोन के पद पर कार्यरत हैं।

चिरंजीव सिन्हा ने निश्चित रूप से यूपी पुलिस की जो आम छवि जनता के मन मे है उसे बदलने का बड़ा काम किया है। स्पष्ट रूप से कहा जाये तो यूपी पुलिस के मानवीय पक्ष को उजागर किया है।

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अचानक हुये लाकडाऊन ने चारबाग रेलवे स्टेशन और स्टेशन के आसपास रहने वाले बेसहारा रिक्शा चलाने वाले और मजदूरी करके अपना पेट पालने वालों के लिये तो आफत का पहाड़ ही खड़ा कर दिया। लेकिन एसीपी चिरंजीव सिन्हा ने डीसीपी सेंट्रल दिनेश सिंह और एसीपी अभय कुमार मिश्रा सहित तमाम पुलिसकर्मियों के सहयोग से ऐसे मुश्किल समय में तमाम बेसहारा रिक्शा चलाने वाले और मजदूरी करके अपना पेट पालने वालों को 21 दिन तक भोजन कराने के लिए व्यवस्था की।

लाकडाऊन के दौरान ही प्रयाग नारायण अपार्टमेंट में रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग आई. मुश्ताक ने एसीपी को कॉल करके कहा कि वे अकेले रहतें हैं और और ब्लड प्रेशर के मरीज हैं उन्हे दवा की जरूरत है। एसीपी ने फोन पर उनका एड्रेस नोट किया और सीधे मेडिकल स्टोर पहुंचकर दवा खरीदी और बुजुर्ग को उनके घर के गेट पर ही दवाएं उपलब्ध करा दी। बुजुर्ग मुश्ताक को दवा मिलते ही लगा, मानों कोई फरिश्ता उनके दरवाजे पर आ गया हो।

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चिरंजीव सिन्हा की चिंता लोगों के साथ-साथ मूक जानवरों को भी कोरोना वायरस से दूर रखने की है। इसलिये जैसे ही मीडिया मे न्यूयॉर्क के ब्रोन्क्स चिड़ियाघर में चार साल की एक बाघिन को कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने की खबर आती है, चिरंजीव सिन्हा प्राणि उद्यान के उन कर्मचारियों के लिये जो जानवरों की सीधे सेवा मे लगे हुये हैं  525 मास्क, 150 ग्लव्ज, 18 सैनिटाइजर और 5 छाते लेकर पहुंच जातें हैं। क्योंकि जानवरों मे मनुष्य के द्वारा ही कोरोना वायरस पहुंच रहा है। इस लिये जब कर्मचारी सुरक्षित रहेंगे तो जानवर भी सुरक्षित रहेंगे।

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लखनऊ मे चिनहट के गुलिस्तां कालोनी की रहने वाली 17 वर्षीय साक्षी यादव के मन मस्तिष्क पर भी एसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा के इन महान कार्यों का बड़ा असर पड़ा है। साक्षी ने इन कामो से प्रभावित होकर एक बड़ा निर्णय लिया और अपने अब तक जमा किये सारे पैसे, गरीबों की मदद के लिये एसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा को सौंपने का बड़ा मन बनाया। साक्षी ने अपनी गुल्लक तोड़ी तो लगभग साढ़े दस हजार रूपये निकले। उसने अपने मम्मी पापा से कुछ और रूपये लेकर 11 हजार रूपये एसीपी को सौंपने का निर्णय लिया।

एसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा को जब यह बात पता चली तो वह स्वयं साक्षी यादव के लखनऊ मे चिनहट स्थित घर पर पहुंचे और 11 हजार रूपये की धनराशि लेकर उसकी सराहना की तथा उक्त धनराशि को पीएम कोविड केयर्स फंड मे जमा करने का भरोसा दिलाया।

निश्चित रूप से लखनऊ पुलिस का ये बदला हुआ रूप देखकर सब  हैरान हैं। क्योंकि यह खाकी वर्दी आमजन के लिये डर का पर्याय है, जिसे देख सब डर जाते हैं। लेकिन इस समय जब पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा हैं, हर जगह लॉक डाउन कर दिया गया हैं। एसे कठिन समय में राजधानी लखनऊ पुलिस का यह बदला हुआ रूप एक सुखद अहसास है।

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