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हाई स्पीड बुलेट ट्रेन का निर्माण कार्य अगले साल से शुरू, जानिये पूरा ब्यौरा

अहमदाबाद,  राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अचल खरे ने आज कहा कि जापान के सहयोग वाली बहुचर्चित मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) परियोजना के तहत विशेष ट्रैक और अन्य सुविधाओं का निर्माण कार्य अगले साल मार्च-अप्रैल तक शुरू हो जायेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल इस परियोजना की अनुमानित लागत एक लाख आठ हजार करोड़ रूपये है और इससे जुड़ी कुल 27 उप परियोजनाओं के ठेके दिये जाने के बाद ही पता चल पायेगा कि इसमें कोई वृद्धि हुई है कि नहीं।

अब तक लगभग 50 हजार करोड़ रूपये के कामों का टेंडर जारी हो चुका है।

श्री खरे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि साबरमती से मुंबई तक 508 किमी में कुल 12 स्टेशन होंगे जिसमें से 8 गुजरात और चार महाराष्ट्र में होंगे।

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320 किमी की अधिकतम गति के साथ 2 घंटा सात मिनट में यात्रा पूरी होगी।

शुरूआत में 24 ट्रेनों का इस्तेमाल होगा और एक तरफ से एक दिन में 35 फेरे होंगे।

यह सेवा दिसंबर 2023 तक शुरू होने का अनुमान है।

इसके बाद 2053 तक प्रत्येक तरफ से 105 फेरे होंगे।

पीक ऑवर में हर 20 मिनट में एक गाड़ी उपलब्ध रहेगी।

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शुरूआती तौर पर साबरमती-मुंबई का एक तरफ का किराया लगभग 3000 रू आंका गया है परिस्थिति के अनुरूप इसमें बदलाव हो सकता है।

नजदीक के लिए सात रूपये प्रति किमी और दूर के लिए छह रूपये प्रति किमी किराया रखने की योजना है।

इसमें सीजन टिकट जैसी कोई व्यवस्था नहीं होगी अलबत्ता नियमित यात्रा करने वालों को अन्य तरह से रियायत मिल सकती है।

वह स्वयं समय घटने पर किराया बढ़ाने वाली डायनामिक फेयर प्रणाली के पक्ष में भी नहीं हैं।

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श्री खरे ने बताया कि परियोजना के तहत प्रस्तावित मार्ग से कई तरह की चीजों जिनमें बिजली के तार आदि, अंडरग्रांउंट केबल, पेड़, ओएनजीसी के तेल कुंए, भवन आदि को हटाने का काम भी जोर शोर से चल रहा है।

अहमदाबाद में नांदेज के पास ओएनजीसी के पांच में से तीन तेल कुंओं को स्थानांतरित किया गया है।

1600 इलेक्ट्रिक यूटिलिटी में से 50 प्रतिशत तथा रेलवे के 1000 सिगनलिंग केबल में से 400 से अधिक को हटाया गया है।

भूमि अधिग्रहण के मामले में भी खासी प्रगति होने की बात बताते हुए श्री खरे ने कहा कि इस दिशा में एक बड़ी अड़चन गुजरात में जमीन के सरकारी दर तय करने संबंधी पुराने जंत्री का 2011 से अब तक नवीनीकरण नहीं होना भी है।

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कई स्थानों पर लोगों को जमीन की कीमत कम लग रही है इसलिए परियोजना के प्रति उनका विरोध नहीं होने पर भी वे जमीन देने में आनाकानी कर रहे हैं।

हालांकि सरकार ने अधिग्रहण के लिए कैपिटल गेन इंडेक्स के लिहाज से दर में 53 प्रतिशत की वृद्धि की है पर कुछ स्थानों पर अब भी इस पर गतिरोध बना हुआ है।

श्री खरे ने बताया कि परियोजना का दो तिहाई हिस्सा गुजरात के आठ जिलों में हैं जबकि महाराष्ट्र के पालघर और ठाणे दो जिलों में एक तिहाई है।

गुजरात में इसकी गति अधिक तेज है।

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गुजरात में जरूरी 5300 से 5400 निजी प्लॉट में से 2600 का अधिग्रहण हो चुका है। गुजरात के 198 गांव में से 15 में समस्या है पर उम्मीद है कि दिसंबर तक 80 से 85 प्रतिशत अधिग्रहण हो जायेगा।

अब तक परियोजना के तहत जो भी निजी जमीन ली गयी है सभी आपासी सहमति से ली गयी है, कोई भी अनिवार्य यानी कंपलसरी तौर पर जबरन नहीं ली गयी है।

अहमदाबाद में 60 तथा वडोदरा में 70 प्रतिशत अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है।

लगभग 50 मुकदमें भी गुजरात हाई कोर्ट में लंबित हैं।

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उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत कुल 1380 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है जिसमें से 622 हेक्टेयर का अधिग्रहण हो चुका है।

इसके तहत विस्थापितों को मुआवजे के तहत लगभग 17000 करोड़ रूपये दिये जायेंगे।

अब तक गुजरात में 360 हेक्टेयर के लिए लगभग 1800 करोड़ रूपये दिये गये हैं।

इसमें ओएनजीसी को 25 करोड़ दिया गया है।

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एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत निर्माण के दौरान 25 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा जबकि शुरू होने के बाद संचालन और रखरखाव में 3500 प्रत्यक्ष और इससे चार या पांच गुना अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।

श्री खरे ने बताया कि परियोजना के तहत कुल 60 से 70 हजार बड़े पेड़ हटाने पड़ेंगे जिनमें से 20 से 25 हजार को दूसरे स्थान पर सुरक्षित स्थानांतरित करने का लक्ष्य है।

अहमदाबाद में 4000 पेड़ स्थानांतरित किये जाने हैं जिनमें से 400 अब तक हो चुके हैं।

ये पेड़ 30 सेंटीमीटर या अधिक की गोलाई वाले हैं।

परियोजना के निर्माण कार्य के चलते अहमदाबाद मुंबई के बीच पश्चिम रेलवे की सामान्य रेल सेवा के परिचालन पर असर पड़ने के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में श्री खरे ने कहा कि इस बात का पूरा प्रयास किया जायेगा कि कम से कम प्रभाव पड़े।

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इस परियोजना में केवल लगभग 26 किमी रेलवे का क्षेत्र ही सीधे आता है जिसमें आठ किमी वडोदरा और 18 किमी अहमदाबाद और साबरमती का है।

अहमदाबाद में हाई स्पीड रेल का स्टेशन के मौजूदा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म 10, 11 और 12 के ऊपर होगा ।

इसके और साबरमती में स्टेशन बनाने के लिए कई तरह के बदलाव किये जायेंगे और मेट्रो तथा सामान्य रेल सेवा और हाई स्पीड रेल तीनों के बीच बेहतरीन समन्वय किया जायेगा।

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