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सूखा व गीला कूड़ा एक साथ इकट्ठा होने पर क्या समस्या होती है?:मथुरा 

लखनऊ, “गंदगी से आजादी” अभियान के अंतर्गत आज मथुरा   नगर निगम क्षेत्र के वार्ड बलदेव पुरी वार्ड नंबर 35 में  फोक आर्ट टीम के द्वारा स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

फोक आर्ट टीम ने बताया कि सूखे और गिले कूड़े को एक साथ इकट्ठा होने पर कूड़े का ठीक से निस्तारण नहीं हो पाता है। इसलिये अलग- अलग सूखे और गिले कूड़े को इकट्ठा करना जरूरी है।

टीम ने दर्शकों को बताया कि शहरी क्षेत्र में रहने वाले परिवारों को सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग कूड़ेदान में रखना होगा। अब प्रत्येक परिवार को हरे व नीले कूड़ेदान में कचरा रखना होगा। गीला कचरा रखने के लिए कूड़ेदान का रंग हरा होगा तो सूखे कूड़ा रखने के लिए नीले रंग का कूड़ेदान रखा जाएगा।  प्लास्टिक, कांच, पन्नी आदि कचरा नीले रंग के कूड़ादान में डालें जायें जबकि भोजन, सब्जी, फल के छिलके हरे रंग के कूड़ेदान में डलवाएं जाएंगे। जिससे लोगों को इनमें अंतर समझ आ सके और लोग खाने पीने की चीजों को बर्बाद ना करें। खाने पीने की चीजों में प्लास्टिक, कांच आदि मिल जाता है और फिर पशु इन्हें भी खा लेते हैं। इसलिए इन वस्तुओं से बचाव जरूरी है।

कूड़ा रखने के लिये दो डस्टबिन का प्रयोग जरूरी है। लोगों को कूड़े के महत्व और इसकी उपयोगिता को समझना बेहद जरूरी है। कूड़े को भी हम किस प्रकार इस्तेमाल कर सकते हैं, यह लोगों को बताना है।