नई दिल्ली, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शीला दीक्षित का मानना है कि राहुल गांधी अभी परिपक्व नेता के तौर पर नहीं उभरे हैं। उन्हें थोड़ा और वक्त चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यवहार पर भी सवाल खड़े किए। बयान पर जब हंगामा शुरू हुआ तो शीला ट्वीट कर अपने बयान पर सफाई दी। शीला दीक्षित ने ट्वीट किया, मेरे शब्दों का गलत मतलब निकाला गया। राहुल गांधी एक संवेदनशील और परिपक्व नेता हैं। उनकी बातें एक युवा, साहसी और कभी ना थकने वाले इंसान की तरह हैं।
शीला दीक्षित ने रुक्वदजज्ूपेजडलॅवतके का भी इस्तेमाल किया। एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में शीला ने यह भी कहा कि सपा-कांग्रेस के गठबंधन से उन्हें कोई परेशानी नहीं है और वह बीमारी की वजह से प्रचार नहीं कर पा रही हैं।
राहुल गांधी की करीबी मानी जाने वाली शीला दीक्षित ने कहा कि इस वक्त हम बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। बदलाव का स्तर पीढ़ियों के साथ राजनीति में भी आ रहा है। पिछले कुछ सालों में राजनीतिक भाषा में भी काफी बदलाव आया है। कांग्रेस इन सभी बदलावों के साथ आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है। शीला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बारे में जो कुछ कहा, इसकी हम उम्मीद नहीं कर सकते थे। राहुल के बारे में शीला ने कहा कि आपको ध्यान रखना होगा कि राहुल गांधी अभी परिपक्व नहीं हुए हैं। वह अभी उम्र के… 40वें दौर में ही हैं। इस उम्र में उनसे पूरी तरह परिपक्व होने की उम्मीद की भी नहीं जा सकती। इसके साथ ही राहुल गांधी की तारीफ करते हुए शीला ने यह भी कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष को थोड़ा और वक्त देने की जरूरत है। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले से अब तक राहुल गांधी ने काफी कुछ सीखा है। वह बैठकों में जाते हैं। सबसे जरूरी बात कि वह अपने दिल की बात कहते हैं।
शीला ने कहा, कांग्रेस गरीब और वंचितों को आगे ले जाने में यकीन रखती है। राहुल अकेले शख्स हैं जो किसानों के बारे में बात करते हैं। उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए चुनाव प्रचार नहीं करने के सवाल पर उन्होंने कहा, यह कहना गलत होगा कि मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार नहीं रहने के कारण मैंने चुनाव प्रचार नहीं किया। मुझे कानपुर और वाराणसी में रैलियां करनी थीं, लेकिन सेहत ठीक नहीं होने के कारण मैं प्रचार में हिस्सा ले सकने में असमर्थ हूं। सपा-कांग्रेस गठबंधन के बारे में शीला ने कहा, गठबंधन का स्वागत किया जाना चाहिए। अखिलेश की छवि अन्य किसी से भी काफी अच्छी है। मायावती के पास अखिलेश जैसी शैली नहीं है और भाजपा के पास यूपी में कोई चेहरा नहीं है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रदेश का कई बार दौरा किया है, लेकिन हम सब जानते हैं कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं बन सकते। शीला ने यह भी उम्मीद जताई कि गठबंधन के कारण मुस्लिम समुदाय का समर्थन मिलेगा। उन्होंने ये भी कहा कि यादव समुदाय भी गठबंधन का समर्थन करता है। शीला को यकीन है कि राहुल और अखिलेश के एक साथ प्रचार करने की वजह से अच्छा प्रभाव पड़ेगा।