नई दिल्ली, जिस उम्र में सहारे की सबसे ज़्यादा जरूरत होती उस उम्र में ही बच्चे छोड़ कर चले जाते हैं। जिससे बूढ़े लोगो को आर्थिक एवं मानसिक दोनों रूप से संघर्ष झेलना पड़ता है. . अगर आप भी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं और अपने भविष्य को लेकर चिंतित है तो आपको अब टेंशन लेने की जरुरत नहीं है. आज हम आपको रिटायरमेंट के बाद आपका घर कैसे आपको पेंशन दिलाएगा इसकी जानकारी दे रहे है.
रिटायरमेंट के बाद आपका घर भी आपके लिए पेंशन के तौर पर हर माह एक निश्चित रकम का इंतजाम कर सकता है. भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) सहित दूसरे बैंकों की रिवर्स मोर्गेज स्कीम आपको हर माह एक निश्चित रकम का विकल्प देती है. आगे जानें इस स्कीम के बारे में सब कुछ.
बैंकों की रिवर्स मोर्गेज स्कीम 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को नियमित इनकम का विकल्प देती है. इसके लिए उनके पास अपना घर होना चाहिए. इस स्कीम के तहत बैंक घर के ओनर को रेजीडेंशियल प्रॉपर्टी अगेंस्ट हर माह एक तय रकम देता एक तय समय तक देता है. इसके बदले में रेजीडेंसियल प्रॉपर्टी बैंक के पास गिरवी रहती है.
इस स्कीम के तहत मालिक को बैंक को यह पैसा वापस नहीं करना होता है. बैंक रेजीडेंसियल प्रॉपर्टी गिरवी रखने पर हर माह कितना पैसा देगा, यह प्रॉपर्टी की कीमत पर निर्भर करता है. इसके अलावा मालिक अपने घर में रह सकता है. रिवर्स मोर्गेज स्कीम के तहत अपना घर गिरवी रखने वाले व्यक्ति की मृत्यु के बाद घर बैंक का हो जाता है. अगर उस व्यक्ति के परिवार वाले चाहें तो बैंक को घर की कीमत चुका कर घर खरीद सकते हैं.
कोई भारतीय जिसकी उम्र 60 वर्ष है इस स्कीम के के तहत अपना घर गिरवी रखने के लिए आवेदन कर सकता है. अगर पति और पत्नी मिल कर स्कीम के तहत आवेदन कर रहे हैं तो पत्नी की उम्र कम से कम 58 साल होनी चाहिए. इस स्कीम के तहत बैंक 10 से 15 साल के लिए आवेदक को हर माह एक तय रकम देता है. एबीआई इस स्कीम के तहत 3 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए तक का लोन देता है. महिलाओं ओर अन्य लोगों को एसबीआई इस स्कीम के तहत 11 फीसदी ब्याज दर पर लोन देता है. वहीं एसबीआई पेंशनर्स को सालाना 10 फीसदी ब्याज दर पर यह लोन मिलता है.
अगर किसी के पास रिटायरमेंट के बाद अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए इनकम का कोई स्रोत नही है और उसके पास अपना घर है तो उस व्यक्ति के लिए यह स्कीम काम की हो सकती है. वह व्यक्ति इस स्कीम के तहत अपना घर गिरवी रख कर बैंक से हर माह एक तय रकम ले सकता है और रिटायरमेंट के बाद आराम की जिंदगी जी सकता है. उस व्यक्ति को अपनी न्यूनतम जरूरतें पूरी करेन के लिए मुश्किलों का सामना नहीं करना होगा.
एक अनुमान के मुताबिक मौजूदा समय में देश में सिर्फ 7 फीसदी युवाओं के पास पेंशन का कवर है. यानी उनको रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलेगी. बाकी 93 फीसदी युवाओं के पास पेंशन की सुविधा नहीं होगी. ऐसे में जब तक देश में सभी लोगों के लिए पेंशन की व्यवस्था नहीं होती है रिवर्स मोर्गेज स्कीम लोगों को रिटायरमेंट के बाद गरिमापूर्ण जीवन जीने का विकल्प देती है.