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यातायात माह धवस्त, ट्रैफिक पुलिस वसूली में मस्त

traffic-police-challanकानपुर, उत्तर प्रदेश पुलिस नवंबर माह को यातायात के रुप में मनाती है। लेकिन इस माह में ट्रैफिक पुलिस का पूरा ध्यान वसूली पर है। जिसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। यातायात पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा कोई ध्यान न देने पर शहरवासी हर तरफ जबरदस्त जाम से जूझ रहे हैं। नवंबर का महीना यानि की यातायात माह को 25 दिन हो चुके है। शहर के विभिन्न चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस भी दिख रही है। लेकिन ट्रैफिक सिपाही यातायात को सूचारु रुप से चलाये जाने का जोर न देकर बिना हेलमेट और बाइक पर चल रहे तीन सवारियों को पकड़कर उनसे वसूली का काम कर रहे है। जिससे शहर के तमाम चौराहों पर वाहनों का भीषण जाम बना हुआ है और शहरवासी पूरी तरह से परेशान हैं। ट्रांसपोर्ट नगर में रहने वाले राहुल ने बताया कि जाम की समस्या इतनी गंभीर बनती जा रही है कि लोगों को जल्दी पहुंचने के लिए अब घर आधे घंटे पहले निकलना पड़ता है।

बैंक में कार्यरत महिला शिवानी का कहना है कि इस समय तो बड़े नोट बदले जाने को लेकर उसे जल्दी बैंक जाना होता है, वह घर से भी जल्दी निकलती है। लेकिन चौराहों पर वाहनों के भीषण जाम के चलते अक्सर उन्हे देर हो जाती है। अस्पताल में काम करने वाले राजेश सिंह का कहना है कि चौराहों पर लगे जाम को खुलवाने के लिए ट्रैफिक पुलिस मौजूद रहती हैं। लेकिन वह जाम कम खुलवाते वसूली पर उनका ज्यादा ध्यान रहता है। एसपी ट्रैफिक सर्वानंद यादव का कहना है कि शहर में जाम की समस्या बहुत है और ट्रैफिक पुलिस अपना काम भी कर रही है। लेकिन जनता से मदद चाहिए। उन्होंने लोगों से यह अपील की है कि ट्रैफिक नियम का पालन करे ताकि हम शहर को जाम मुक्त बना सके।

शहर के विभिन्न चौराहें पर भीषण जाम लगता है। जिसमे सबसे पहले अफीम कोठी चौराहा, जरीब चौकी, डिप्टी पड़ाव, टीपीनगर, कल्यानपुर क्रासिंग, घंटाघर, रामादेवी चौराहा, याशोदानगर बाईपास, बड़ा चौराहा चुन्नीगंज चौराहा, हैलट चौराहा के साथ रावतपुर क्रासिंग कई अन्य चौराहों पर वाहनों का भीषण जाम लगता है, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कुछ मनपसंद चौराहों पर अपनी ड्यूटी लगवाने के लिए ट्रैफिक सिपाही दारोगाओं को अच्छी रकम देतें है। उनके मनमुताबिक ड्यूटी लगने पर सिपाही सिर्फ लोगों से वसूली करते है। इस वसूली के चलते कई बड़े हादसे देखने को मिले हैं, जिसमें सिपाहियों को अपनी जान तक गवानी पड़ी है।

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