नई दिल्ली, प्रसिद्ध उद्योगपति अनिल धीरूभाई अंबानी की रिलायंस समूह की कंपनियों ने एक अखबार के खिलाफ 5000 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया है। कंपनी ने दावा किया है कि अखबार में प्रकाशित एक लेख ‘मानहानिकारक’ और ‘अपमानजनक’ है।
अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनी गुजरात के पीपावाव स्थित रिलायंस नवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (पूर्ववर्ती रिलायंस डिफेंस) ने राफेल सौदे को लेकर छपे एक लेख के सिलसिले में कांग्रेस का मुखपत्र कहे जाने वाले नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक द एसोशिएटेड जर्नल्स लिमिटेड, मुख्य संपादक जफर आगा तथा लेख के रिपोर्टर विश्वदीपक के विरूद्ध एक अदालत में 5000 करोड़ रूपये की मानहानि का मुकदमा दायर किया है।
यह मुकदमा दीवानी और सत्र न्यायाधीश पी जे तमाकुवाला की अदालत में दायर किया गया। उन्होंने प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया और सात सितंबर तक उनसे जवाब मांगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राफेल विमान सौदे की घोषणा से कुछ ही दिन पूर्व कथित तौर पर कंपनी का गठन किये जाने से संबंधित इस लेख को नेशनल हेराल्ड ने पिछले दिनों प्रकाशित किया था। इससे पहले रिलायंस समूह ने कांग्रेस के कई नेताओं को कानूनी नोटिस भेजा था। कंपनी ने उनसे राफेल सौदा को लेकर उसके बारे में इस तरह के आरोप लगाना ‘बंद करने और उससे बचने’ को कहा था।
मुकदमे में कंपनियों ने आरोप लगाया है कि ‘मोदी द्वारा राफेल सौदे की घोषणा से 10 दिन पहले बनायी थी रिलायंस डिफेंस’ शीर्षक से प्रकाशित लेख ‘मानहानिकारक और अपमानजनक’ है और ‘यह लोगों इस को बात को मानने के लिये गुमराह करता है कि सरकार उन्हें अनुचित व्यापारिक फायदा पहुंचा रही है।’
याचिका में कहा गया है, ‘लेख में नकारात्मक छवि पेश की गई है और रिलायंस ग्रुप और उसके अध्यक्ष अंबानी की सार्वजनिक छवि को प्रतिकूल तरीके से प्रभावित करता है।’ याचिका में 5000 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग करते हुए कहा गया है कि इससे ‘याचिकाकर्ता की कंपनियों की प्रतिष्ठा और गुडविल को अच्छा-खासा नुकसान पहुंचा है।’ याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता लेख की सामग्री का ‘जोरदार’ खंडन करता है।