वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र राय को सीबीआई ने किया गिरफ्तार
May 4, 2018
नयी दिल्ली, सीबीआई ने वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र राय को संदिग्ध वित्तीय लेन-देन में शामिल होने और गलत सूचना देकर नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो द्वारा जारी किये जाने वाला पास हासिल करने के आरोप में आज गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने बताया कि राय को गिरफ्तार किये जाने से पहले एजेंसी के मुख्यालय में दिनभर पूछताछ की गई। उनके अलावा दो अन्य लोगों से भी पूछताछ की गई।
उन्होंने बताया कि सीबीआई ने इस सिलसिले में एयर वन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य सुरक्षा अधिकारी प्रसून रॉय के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने इस संबंध में दिल्ली, नोएडा, लखनऊ और मुंबई समेत आठ स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया।
एजेंसी ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया कि राय के खाते में 2017 में 79 करोड़ रुपये आए और इसी अवधि में 78.51 करोड़ रुपये निकाले गए।प्राथमिकी में कहा गया है, ‘‘उन्होंने गलत तरीके से हासिल धन से कई कार कथित तौर पर खरीदे। ऐसी जानकारी मिली है कि उन्हें मुखौटा कंपनियों से आयकर विभाग में रिश्वत देने और मामलों को फिक्स करने के लिये एक साल में 16 करोड़ रुपये मिले। उन्हें एक साल में सहारा इंडिया से भी साढ़े छह करोड़ रुपये मिले।’’
एजेंसी ने कहा कि दो लोगों राहुल शर्मा और संजय स्नेही ने राय की कथित तौर पर गलत तरीके से हासिल धन को रखने में मदद की। यह भी आरोप लगाया गया है कि राय ने एयर वन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के सीएसओ प्रसून रॉय और अन्य के साथ आपराधिक साजिश रची और बीसीएएस और दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ धोखाधड़ी की और धोखे और बेईमानी से अस्थायी और स्थायी एयरोड्रम इंट्री पास हासिल किया।
राय ने गलत सूचना के आधार पर एईपी हासिल किया। उन्होंने बेहद संवेदनशील, सीमित और सैनिटाइज्ड क्षेत्रों के साथ सभी हवाई अड्डों तक पहुंच का कानूनी अधिकार हासिल कर लिया। इसके जरिये उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को जोखिम में डाला।
प्राथमिकी के अनुसार उपेंद्र राय ने अखिल भारतीय एईपी हासिल करने के लिये प्रसून रॉय के साथ मिलकर एक आवेदन दिया और उसमें गलत तरीके से खुद को कंपनी का गुणवत्ता नियंत्रण निदेशक के तौर पर दिखाया। कंपनी ने कथित तौर पर राय का नाम प्रायोजित किया और बीसीएएस को आवेदन भेज दिया। बीसीएएस आपराधिक साजिश का हिस्सा बन गया और उसने राय को स्थायी एईपी जारी कर दिया।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि एईपी ने हवाई ऑपरेटर प्रमाणन दिशा-निर्देशों और सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट का उल्लंघन करके उन्हें भारत में सभी हवाई अड्डों तक पहुंच का अधिकार दे दिया। सीबीआई ने कहा कि राय तकनीकी तौर पर योग्यता नहीं रखते हैं और उनके नाम को डीजीसीए ने एयर वन के गुणवत्ता नियंत्रण, निदेशक के पद के लिये मंजूरी नहीं दी थी।
प्राथमिकी में कहा गया है, ‘‘सूत्र ने हमें सूचित किया है कि 2018 में पीआईबी कार्ड जारी करने के लिये दिए गए आवेदन में पत्रकार ने खुद को एयर वन का वास्तविक कर्मचारी तथा सलाहकार या निदेशक, गुणवत्ता नियंत्रण नहीं घोषित किया था।’’ सीबीआई ने कहा कि राय को चार किश्तों में एयर वन से भी 1.02 करोड़ रुपये मिले।