नई दिल्ली,खास बात यह है कि लोग इसे खीरदने के लिए सही समय का इंतजार करते हैं। कब सोना सस्ता होगा और कब वह इसे खरीदेंगे। इसके अलावा निवेश के लिहाज से भी सोना की कीमतों में उतार-चढ़ाव को बड़े गौर से देखा जाता है। अक्सर लोग महंगी कीमत की वजह से सोना लेने से चूक जाते हैं। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा. क्योंकि, अब वह सिर्फ एक रुपए में सोना खरीद सकेंगे।
भारत में ज्यादातर पेमेंट वॉलेट ने डिजिटल गोल्ड अकाउंट खोलने की सुविधा दी है, जो बेहद लोकप्रिय हो रही है। दरअसल, अगर आप दुकान से सोना खरीदेते हैं तो उसे लॉकर-वॉल्ट में रखना भी महंगा सौदा होता है। एक परेशानी यह भी है कि ज्वैलरी ब्रांड उन्हीं की शॉप से बिका सोना खरीदना पड़ता है। जब आप दुकान से सोना खरीदते हैं तो आभूषण में लगे कीमतों पत्थरों की कीमत भी सोने जितनी तोली जाती है, पर डिजिटल गोल्ड में प्रत्येक रुपया 24 कैरेट के सोने की खरीद में निवेशित होता है।
डिजिटल गोल्ड अकाउंट की 2012 में शुरुआत के बाद बीते सात सालों में करीब आठ करोड़ खाते खुल गए हैं। पेटीएम, गूगलपे, फोनपे जैसे वॉलेट ऐसे खाते की सुविधा देते हैं।
डिजिटल गोल्ड रखने में कंपनियां दो साल तक कोई शुल्क नहीं लेती हैं। बाद में भी लॉकर की तुलना में मामूली शुल्क लगता है। ज्यादातर वॉलेट पांच साल डिजिटल गोल्ड जमा रखते हैं।
कई कंपनियां अब डिजिटल गोल्ड को बिना किसी शुल्क के आभूषण बनवाने की सुविधा भी दे रही हैं। इसके लिए उन्होंने तमाम नामी ज्वैलरी ब्रांड से करार भी किए गए हैं।
डिजिटल गोल्ड 24 कैरेट सोने की ऑनलाइन खरीद का जरिया है। इसमें आप जितना निवेश करते हैं, उतना ही सोना सुरक्षित रख दिया जाता है।
सोने के आभूषण खरीदना काफी महंगा होता है, उस पर ज्वैलर्स भारी मेकिंग चार्ज लगाते हैं। जबकि डिजिटल गोल्ड में 100-200 या कई वॉलेट में तो एक रुपये से भी निवेश कर सकते हैं।
दुकान से सोने के आभूषण की खरीद में मेकिंग चार्ज भी जुड़ता है और पांच से 13 फीसदी तक होता है। जबकि डिजिटल गोल्ड में सिर्फ सोने की कीमत जुड़ी होती है।