मायावती को मिली बड़ी राहत, हाई कोर्ट ने याचिका की खारिज
August 27, 2018
इलाहाबाद, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। गौतमबुद्धनगर के बादलपुर गांव में एक जमीन को अधिग्रहण से मुक्त कराने के मामले में अदालत ने मायावती के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दिया।
गौतमबुद्धनगर के संदीप भाटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी पक्षकारों को अपना पक्ष रखने को कहा था। याचिका में गौतमबुद्धनगर के तत्कालीन एसडीएम के 30 मई 2006 को पारित आदेश को चुनौती दी गई थी। अपील में कहा गया था कि एसडीएम ने अधिकारियों के दबाव में गलत तरीके से मायावती और उनके परिवार के लोगों के पक्ष में 47,433 वर्गमीटर कृषि भूमि को आबादी भूमि घोषित किया था। इस आदेश को गलत बताते हुए हाई कोर्ट में सीबीआई जांच की मांग की गई थी।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि मायावती ने सत्ता का दुरुपयोग कर जमीन का प्राधिकरण से आवंटन कराया है। मायावती ने 2002 से 2005 के बीच गांव के आधा दर्जन किसानों से पचास बीघा जमीन खरीदी थी। इस मामले में आरोप है कि जमीन पर बिना किसी निर्माण धारा-143 (आबादी) घोषित करा दी गई।
मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंण्डपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया। इससे पहले 2017 में हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती इनके पिता प्रभु दयाल व भाई आनन्द कुमार को नोटिस जारी किया था। इस जमीन पर बसपा सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का विशाल भवन बना हुआ है। जिस जमीन पर भवन बना हुआ है, पहले वह मायावती और उनके पिता प्रभुदयाल के नाम पर थी। इसके बाद में मायावती ने दान रजिस्ट्री से इसे भाई आनंद कुमार व एक अन्य के नाम करा दिया था।