भाजपा सरकार पर दलित समाज के दिलेर युवाओं को टारगेट करके उन्हें प्रताड़ित करने व उनकी हत्या करने का आरोप लगाया है. मायावती ने अपने बयान में कहा कि एससी/एसटी कानून में दिए गए अधिकारों की रक्षा के लिए दलित व आदिवासी समाज के लोग हर प्रकार की कुर्बानी देने को तैयार हैं, जिसका ताजा उदाहरण 2 अप्रैल को देखने को मिला, लेकिन असामाजिक व जातिवादी तत्वों ने पहले आगजनी व हिंसा का षड्यंत्र करके उस एससी/एसटी कानून बचाओ जन आंदोलन को बदनाम करने की साजिश की, फिर सरकारी तांडव शुरू करके हजारों निर्दोष लोगों को विभिन्न राज्यों में गिरफ्तार किया जा रहा है और अब युवाओं को प्रताड़ित करने के साथ-साथ उनकी टारगेट हत्या तक होने लगी है, जो निंदनीय है.
सरकार के इस कृत्य की निंदा करते हुए मायावती ने कहा कि उप्र की भाजपा सरकार को इसका संतोषजनक जवाब देना चाहिए कि पुलिस एनकाउंटर के बाद दलितों के खिलाफ यह घृणित जातिवादी हत्याएं क्यों? उन्होंने सरकार से सवाल किया है कि क्या दलित अत्याचार के मामले में उत्तर प्रदेश, गुजरात मॉडल का शर्मनाक अनुसरण करेगा?