समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा लगातार आयोग वोर्ड निगमों का गठन किया जा रहा है। उनमें ओ0बी0सी0/एस0सी0/एस0टी0 की भागीदारी उनको संविधान सम्मत अनुमन्य आरक्षण के आधार पर नहीं मिल रहा है। उन्होने कहा कि समय समय पर ओबीसी को मिल रहे 27 प्रतिशत आरक्षण को विभाजित करने के समाचार से पिछड़े वर्ग के लोगों को मिलने वाले आरक्षण को समाप्त करने की साजिश की जा रही है। जिससे पिछड़ा वर्ग के लोगों में निराशा बढ़ी है।
नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि भाजपा का राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देना पिछड़े वर्ग के लोग के साथ छलावा हैं। पूरे पांच वर्ष में चुनाव के समय पिछड़ा वर्ग आयोग का ढिढ़ोरा पीटना पिछड़ा वर्ग के साथ ना इंसाफी है। आयोग में पिछड़े वर्ग के हक के खिलाफ हो रहे कार्यो की सुनवाई का अधिकार न देना न्याय संगत नही है। पहले तो चार वर्ष में केन्द्र सरकार ने आयोग को निष्क्रिय रखा अब चुनाव के समय पिछड़े वर्ग के हितो की याद सरकार को आ रही है।
उनहोने बताया कि उत्तर प्रदेश में पहले से गठित राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में सुनवाई होती थी परन्तु जब से प्रदेश में भाजपा सरकार पदारूढ हुई है। तब से अब तक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग पंगू बना दिया गया है। दो वर्ष से प्रदेश में पिछड़े वर्ग को अनुमन्य 27 प्रतिशत आरक्षण को भी गलत परिभाषित कर ओ0बी0सी0 आरक्षण के नियमों का पालन नही किया जा रहा है। इसी लिये राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग पंगु बना दिया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी पार्टी का मानना है कि सरकारी नौकरियों में भेदभाव को समाप्त करने के लिए सभी जातियों की गणना कराकर उनकी आवादी के अनुपात में आरक्षण किये जाने से सामाजिक विषमता समाप्त होगी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय के अध्यक्ष माननीय अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में धर्म जाति से ऊपर उठकर प्रदेश का विकास किया था। और संविधान के अनुसार पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक लोगों को उनको उनका हक दिलाया था।
समाजवादी पार्टी नेता ने कहा कि 2011 में समाजवादी पार्टी द्वारा संसद में जातीय- गणना कराने की मांग पर जातीय जनगणना हुई थी परन्तु आज तक केन्द्र सरकार ने जातीय गणना घोषित नही की। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी द्वारा लगातार सभी की जातिवार गणना करके उनको उनका हक मिलने की बात कही जा रही है। जो एकदम न्याय संगत है।