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भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के मामले मे, मोदी सरकार को तगड़ा झटका

नयी दिल्ली, मोदी सरकार को पंजाब नेशनल बैंक के हजारों करोड़ रुपए के गबन के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के मामले में तगड़ा झटका लगा है। एंटीगुआ सरकार ने दावा किया है कि  जब मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता के लिए आवेदन किया था तब न तो किसी अधिकारी और न ही भारत की किसी भी संस्था ने मेहुल चोकसी पर ऐतराज जताया था।

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एंटीगुआ के कानून मंत्री स्टीड्रॉय बेंजमिन ने दावा किया है कि 2017 में जब मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता के लिए आवेदन किया था तब भारतीय अधिकारियों ने कोई आपत्ति या रेड सिग्नल नहीं दिया था। कानून मंत्री ने कहा, ‘न तो किसी अधिकारी और न ही भारत की किसी भी संस्था ने मेहुल चोकसी पर ऐतराज जताया था।’

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वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के एंटीगुआ की नागरिकता हासिल करने को लेकर शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि पंजाब नेशनल बैंक के 13 हजार करोड़ रुपये की ‘लूट करने’ वाले मेहुल चोकसी को इस सरकार ने ‘क्लीन चिट’ दी ताकि वह एंटीगुआ का नागरिक बन सके. गांधी ने एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘‘आज की बड़ी खबर: भारत ने श्रीमान 56 के ‘सूटबूट’ वाले मित्र मेहुल ‘भाई’ चोकसी को 2017 में क्लीनचिट दी, जिससे उसने एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली.’’

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उन्होंने कहा, ‘‘इस ‘भाई’ ने पीएनबी के 13,000 करोड़ लूटे और फिर भारत से फरार हो गया.’’ इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान जारी कर कहा कि एंटीगुआ की ‘सिटिजनशिप इन्वेस्टमेंट यूनिट’ ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया था जिसमें कहा गया है कि मई, 2017 में भारतीय विदेश मंत्रालय ने मेहुल चोकसी को नागरिकता देने के लिए ‘क्लीन चिट’ प्रमाणपत्र जारी किया था।

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सुरजेवाला ने एक एंटीगुआ की ‘सिटिजनशिप इन्वेस्टमेंट यूनिट’ की प्रेस विज्ञप्ति की एक प्रति जारी करते हुए यह दावा किया कि ‘क्लीन चिट’ प्रमाणपत्र में स्पष्ट किया गया था कि चोकसी को लेकर कोई ‘प्रतिकूल सूचना’ नहीं है. उन्होंने सवाल किया कि अप्रैल, 2018 में एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन के साथ मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चोकसी को नागरिकता दिए जाने का मुद्दा क्यों नहीं उठाया, जबकि उसे इस साल चार जनवरी को नागरिकता प्रदान कर दी गई थी।

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 एंटीगुआ के राष्ट्रपति ने इस मामले में हर प्रकार से भारत का सहयोग करने की बात कही है, पर खास बात यह है कि दोनों देशों के बीच फिलहाल प्रत्यर्पण संधि नहीं है। हांलाकि मोदी सरकार ने भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी को एंटीगुआ एंड बारबूडा की नागरिकता हासिल करने के मामले मे सफाई दी है। चोकसी जनवरी के पहले सप्ताह में भारत से फरार हो गया था।

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