यूपी मे कानून व्यवस्था की तरह, बिजली व्यवस्था भी पटरी से उतरी-समाजवादी पार्टी
June 23, 2018
लखनऊ, समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की तरह बिजली व्यवस्था भी पटरी से उतर जाने का आरोप लगाते हुये कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार के मंत्रियों ने अधिकारियों पर अपना नियंत्रण खो दिया है।
सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने जारी बयान में कहा है कि कानून व्यवस्था की तरह उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था भी पटरी से उतर गई है। भाजपा सरकार के मंत्रियों का अपने विभागों पर नियंत्रण नहीं रह गया है और अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। उन्होने कहा कि प्रदेश के ऊर्जामंत्री ने स्वीकार किया है कि न तो बिजली चोरी पर अंकुश लगा है और नहीं फाल्ट पर रोक लगी है। मंत्री का अपने विभाग और उसके अधिकारियों पर ही कोई जोर नहीं है।
उन्होने कहा कि इन दिनों जबकि भीषण गर्मी पड़ रही हैए बिजली कटौती से त्राहि-त्राहि मची हुई है। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब घंटो-घंटों बिजली गायब न होती हो। वोल्टेज की समस्या भी गंभीर है। जनता की कहीं सुनवाई नहीं है। राजधानी लखनऊ में भी लोग बिजली की आवाजाही झेल रहे हैं। बिजली संकट से लोगों को राहत के कोई आसार नहीं है। प्रदेश के ऊर्जामंत्री जब तब गांव-गांव, घर-घर बिजली पहुंचाने के दावे कर रहे है। हकीकत में सिर्फ कागजी कार्यवाहियां हो रही हैं। हवाई घोषणाएं दुहराई जा रही हैं। मंत्री की कोई नही सुनता हैं।
राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि समाजवादी सरकार के दौरान प्रदेश में विद्युत आपूर्ति में वृद्धि की विस्तृत कार्य योजना लागू हुई थी। तब ग्रामीण क्षेत्रों में 14 से 16 घंटे तथा शहरी क्षेत्रों में 22 से 24 घंटे तक विद्युत आपूर्ति होने लगी थी। अण्डर ग्राउण्ड कैबलिंग के साथ ट्रांसफार्मरों की समय से मरम्मत का काम भी सुनिश्चित था। उन्होने कहा कि अखिलेश यादव ने 12 विद्युत परियोजनाएं शुरू की। सौर ऊर्जा के तहत मार्च 2017 तक 500 मेगावाट की सोलर परियोजनाएं स्थापित की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में फीडर सेपरेशन का काम कराया था।
सपा के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि अखिलेश यादव ने कई बंद पड़ी विद्युत इकाईयों को फिर से शुरू कराया। प्रदेश में समाजवादी सरकार के समय बिजली की सप्लाई 16000 मेगावाट तक पहुंच गई। भाजपा सरकार में न तो एक सबस्टेशन का निर्माण हुआ और नहीं एक यूनिट विद्युत उत्पादित हो सकी।