भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष ने तीसरे प्रेस आयोग के गठन को बताया जरूरी ? जानिये क्यों ?
July 23, 2018
भोपाल, भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति चंद्रमौलि कुमार प्रसाद ने आज कहा कि तीसरे प्रेस आयोग का गठन किये जाने की आवश्यकता है। न्यायमूर्ति प्रसाद ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित संवाद कार्यक्रम के दौरान यह बात कही।
न्यायमूर्ति चंद्रमौलि कुमार प्रसाद ने कहा कि पिछले कुछ समय में भारत में मीडिया का परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और इंटरनेट आधारित मीडिया को ध्यान में रखकर अध्ययन होना चाहिए। इसके लिए तीसरे प्रेस आयोग का गठन किये जाने की आवश्यकता है। उसके बाद नियमन के लिए कानून बनाया जाना चाहिए।
भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान दौर में पत्रकारिता के समक्ष सबसे बड़ा संकट उसकी विश्वसनीयता है और इसका प्रमुख कारण पत्रकारों का वित्तीय रूप से परतंत्र होना है। उन्होने कहा कि जिस पत्रकार की नौकरी और उसका वेतन सुरक्षित नहीं है, वह पत्रकार भी स्वतंत्र नहीं हो सकता। इसलिए पत्रकारों की सामाजिक सुरक्षा आवश्यक है।
न्यायमूर्ति श्री प्रसाद ने कहा कि आज कई बार पत्रकार, नेताओं या किसी अन्य के कहे का अपने अनुसार अर्थ निकालने लगे हैं। इस प्रवृत्ति ने पत्रकारिता की विश्वसनीयता को कम किया है। उन्होंने बताया कि पत्रकार जब ‘एक्टिविस्ट’ भी हो जाता है, तब उसकी बात का भरोसा करना मुश्किल हो जाता है।
इस अवसर पर परिषद के सदस्य एवं देश की प्रतिष्ठित संवाद समिति यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (यूएनआई) के संपादक अशोक उपाध्याय, प्रभात दास, प्रदीप जैन, कमल नयन नारंग, एम एम मजीद और परिषद की सचिव अनुपमा भटनागर भी उपस्थित थी।
परिषद के सदस्य अशोक उपाध्याय ने इस अवसर पर कहा कि विचारों का समावेश समाचार में नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से अनाचार हो जाता है। खबर की शुद्धता पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में आने के लिए पत्रकारिता संबंधी डिग्री या डिप्लोमा का होना आवश्यक नहीं होना चाहिए। इस पेशे में आने वाले प्रत्येक युवक युवती को सबसे पहले भाषाओं का बेहतर ज्ञान हासिल करना चाहिए, क्योंकि पत्रकारिता लेखनी से ही होती है।
उपाध्याय ने कहा कि पत्रकार को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सीमित शब्दों में किसी घटना या समाचार का पूरा ब्यौरा आ जाए। संवेदनशील घटनाओं को लेकर कवरेज के दौरान किसी भी संप्रदाय विशेष का जिक्र करने से बचना चाहिए। यदि इसका जिक्र किया जाता है तो समाज में तनाव का वातावरण पैदा हाेता है, जो कभी हिंसक रूप भी ले लेता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश उपासने ने की और परिषद के प्रति आभार व्यक्त किया। कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा ने परिषद के सभी सदस्यों को स्मृति चिह्न भेंट किए। कार्यक्रम का संचालन मीडिया प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अविनाश वाजपेयी ने किया।