नई दिल्ली, अगर आप कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं लेकिन आपके पास पूंजी नहीं है तो परेशान न हों। भारत सरकार की ओर से चलाई जा रही योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत लोन मिल सकता है। इसके लिए आपको एक प्लान तैयार करना होगा और समझाना होगा कि जो बिजनेस शुरू करना चाहते हैं उसको लिए आपके पास क्या रणनीति है। इस प्लान को तैयार करने में भी भारत सरकार की ओर से मदद की जाएगी।
इस योजना के दो प्रमुख उद्देश्य हैं, पहला- स्वरोजगार के लिए आसान लोन उपलब्ध करवाना और दूसरा- छोटे उद्यमों के माध्यम से रोजगार के नए अवसर सामने लाना। यह लोन नॉन-कॉर्पोरेट छोटे व्यवसायों के लिए बनाया गया है, इसलिए मुद्रा लोन शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों में अकेले या पार्टनरशिप में छोटी निर्माण यूनिट चलाने वालों से लेकर दुकानदारों, छोटा व्यवसाय/व्यापार करने वालों, छोटी इंडस्ट्रीज चलाने वालों, कारीगरों, खाद्य उत्पादों से जुड़ा व्यापार करने वालों और सर्विस सेक्टर में काम करने वालों तक के काम की योजना है। ये लोन वाणिज्यिक (कमर्शियल) बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, छोटे फाइनेंस बैंकों, सहकारी बैंकों, माइक्रोफाइनेंस (सूक्ष्म-वित्त ) संस्थानों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में आवेदन देकर पाया जा सकता है।
इस योजना के तहत बिना गारंटी के लोन लिया जा सकता है। इसके लिए किसी भी तरह की प्रोसेसिंग फीस नहीं चुकानी पड़ती।
लोन भुगतान अवधि को पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। लोन लेने वाले को मुद्रा कार्ड दिया जाता है, जिस का उपयोग कारोबारी जरूरत पर आने वाले खर्च के लिए कर सकता है।
कोई भी व्यक्ति जो अपना स्वयं का व्यवसाय शुरु करना चाहता है, वह इस योजना के तहत लोन ले सकता है। इसके साथ ही अगर कोई अपने मौजूदा व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहता है, तो भी उसे इस योजना के माध्यम से लोन मिल सकता है। मुद्रा लोन के लिए उस सरकारी या किसी अन्य बैंक या वित्तीय संस्थान में आवेदन देना होगा, जो मुद्रा लोन देता हो। आवेदन के लिए आपके कारोबार की पूरी जानकारी/प्लान सहित अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।
मुद्रा लोन के तहत अधिकतम 10 लाख रुपए तक का लोन लिया जा सकता है। इस लोन को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है— शिशु ऋण, जिसमें अधिकतम सीमा 50 हजार रुपए है, किशोर ऋण, जिसमें 50 हजार से 5 लाख रुपए तक की सीमा है और तरुण ऋण, जिसमें अधिकतम 10 लाख रुपए तक की सीमा रखी गई है।
मुद्रा लोन की खास बात यह है कि इसमें कोई निश्चित ब्याज दर नहीं है। अलग-अलग बैंक लोन पर अलग-अलग दर से ब्याज वसूल सकते हैं। दर का निर्धारण कारोबार की प्रकृति और उससे जुड़े जोखिम के आधार पर तय होता है। वैसे सामान्यतः ब्याज दर 12 प्रतिशत के आसपास रहती है।
सबसे पहले आवेदक को एक बिजनेस प्लान तैयार करना होता है। साथ ही लोन के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज भी तैयार करने होते हैं। सामान्य दस्तावेजों के साथ बैंक आपसे आपका बिज़नेस प्लान, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, भविष्य की आय के अनुमान संबंधी दस्तावेज भी मांगेगा, ताकि उसे आपकी आवश्यकता की जानकारी हो, साथ ही यह भी अंदाजा लग सके कि आपको लाभ कैसे होगा या लाभ कैसे बढ़ेगा।
मुद्रा लोन देने वाले बैंक/वित्तीय संस्था न का चयन करना होता है। आवेदक एक से अधिक बैंकों का चयन कर सकता है। बैंक को दस्तावेजों के साथ लोन एप्लिकेशन फॉर्म भरकर जमा करना होगा। किस तरह के बैंक/संस्था न मुद्रा लोन देते हैं, इसकी जानकारी ऊपर दी गई है। आवेदन सही पाए जाने पर बैंक या वित्तीय संस्थान मुद्रा लोन पास करेगा और आवेदक को मुद्रा कार्ड प्रदान किया जाएगा।
मुद्रा लोन आवेदन, बिज़नेस प्लान या प्रोजेक्ट रिपोर्ट, पहचान संबंधी दस्तावेज़ जैसे पैन कार्ड , आधार कार्ड , मतदाता पहचान पत्र आदि । एक से ज्यादा आवेदकों की स्थिति में पार्टनरशिप संबंधी दस्तावेज़ (डीड), टैक्स रजिस्ट्रेशन, बिज़नेस लाइसेंस आदि । निवास के प्रमाण संबंधी दस्तावेज़, जैसे टेलीफोन बिल/बिजली बिल आदि आवेदक की 6 महीने से कम पुरानी तस्वीरें, मशीन या अन्य सामग्री का कोटेशन जिसे खरीदना चाहते हैं, साथ ही जहां से खरीदेंगे उस सप्लायर/दुकानदार के बारे में जानकारी, श्रेणियां(एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यक), अगर लागू हो तो पिछले दो वर्षों की बैलेंस शीट और प्रोजेक्टेड बैलेंस शीट (दो लाख से ऊपर के लोन पर)।
मुद्रा लोन के लिए आपको आवेदन फॉर्म के साथ निम्न दस्तावेज़ जमा करने होते हैं। ऋण की राशि , व्यापार की प्रकृति , बैंक नियमों आदि के आधार पर दस्तावेज़ों की संख्या कम या ज्यादा हो सकती है।