नयी दिल्ली, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में सोमवार को प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:-
-भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड के असर से उबर चुकी है और इसका विस्तार सुचारु रूप से हो रहा है।
-वर्ष 2023-24 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद 2019-20 की तुलना में 20 प्रतिशत ऊंचा था, इस तरह की उपलब्धि केवल कुछ ही बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में दिखी है।
-भारत की आर्थिक वृद्धि 2024 -25 और उसके बाद के वर्षों में भी मज़बूत बने रहने की संभावना, भूराजनैतिक परिस्थितिओं, वित्तीय बाज़ारों की स्थिति और जलवायु परिवर्तन के संकट से इन संभावनाओं को खतरा हो सकता है।
– वर्ष 2023-24 की आर्थिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही, 2024-25 में वृद्धि 6.5 से 7.0 रहने की संभावना है।
-सरकार की पूंजी व्यय पर बल वैश्विक निवेश के बदौलत सकल पूंजी निर्माण में 2023-24 में नौ प्रतिशत वास्तविक वृद्धि।
– कंपनियों और बैंकों की बैलेंस शीट और मज़बूत होगी और निजी निवेश बढ़ेगा।
-खाद्य मुद्रा स्फीति दुनिया भर में चिंता का विषय।
– मुद्रास्फीति में मुख्यतः वैश्विक संकटों, आपूर्ति मार्ग की बाधाओं और मानसून की मार के कारण तेजी रही।
मुद्रा स्फीति का प्रबंध कुशल प्रशासनिक क़दमों और मौद्रिक निति समबन्धी उपायों से किया गया, जिससे 2023-24 में औसत खुदरा मुद्रा स्फीति एक साल पहले के 6.7 प्रतिशत के मुकाबले 5.4 प्रतिशत पर आ गयी।
-2024-25 में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 4. 2 प्रतिशत रहने की संभावना है।
– 2023-24 में विनिर्मित वस्तुओं संबंधी खुदरा मुद्रास्फीति चार साल के न्यूनतम स्तर पर सेवा उत्पादों की मुख्य खुदरा मुद्रास्फीति नौ साल के न्यूनतम स्तर पर रही।
-आरबीआई ने मई 2022 से रेपो दर में कुल मिला कर 2.50 अंक की वृद्धि की है।
– सार्वजनिक निवेश में विस्तार के बावजूद सरकार का सामान्य राजकोषीय संतुलन मज़बूत हुआ, कर प्रक्रियाओं में सुधार, व्यय पर नियंत्रण और डिजिटलीकरण से इसमें मदद मिली है।
– 2023-24 में वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात वैश्विक मांग में नरमी से प्रभावित रहा लेकिन सेवाओं के निर्यात की मजबूती से कुल मिला कर व्यापार संतुलन की स्थिति संतुलन में रही।
-चालु खाते का घाटा (कैड ) 2023-24 में जीडीपी के 0.7 प्रतिशत के बराबर रहा जो एक साल पहले 2.0 प्रतिशत था।
-भारतीय बैंकिंग सेक्टर का प्रदर्शन 2023-24 में उल्लेखनीय रहा, एनपीए का स्तर कई साल के न्यूनतम स्तर पर सरकार बैंकिंग प्रणाली की मज़बूती के लिये प्रतिबद्ध।
– प्राथमिक पूंजी बाजार ने पिछले वित्तीय वर्षों में 10.9 लाख करोड़ रुपये के पूंजी निर्माण का योगदान किया जो इससे पिछले वित्त वर्ष में सकल निजी और सरकारी पूंजी निर्माण के 29 प्रतिशत के बराबर है।
-2023-24 में भारत का विदेशी व्यापार मजबूत रहा, सेवाओं का निर्यात 4.9 प्रतिशत बढ़ कर 341. 1 अरब डॉलर रहा। इसमें आईटी सॉफ्टवेयर सेवाओं एवं अन्य व्यावसायिक सेवाओं का योगदान प्रमुख।
– भारत को 2023 में विदेशों में काम करने वालों नागरिकों से अरब डॉलर की मनीआर्डर पूंजी प्राप्त हुयी।
-2023-24 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश बढ़ा, विदेशी मुद्रा भण्डार 10 महीने के आयात और 98 प्रतिशत विदेशी ऋण को चुकाने के लिये पर्याप्त।
-विदेशी ऋण जीडीपी के 18. 7 प्रतिशत।
-भारत में जलवायु परिवर्तन से निपटने का काम अभियान के रूप में शुरू किया है, बिजली उत्पादन की क्षमता में 45.4 प्रतिशत से अधिक हिस्सा हरित
– भारत की ऊर्जा आवश्यकता 2047 तक दो से ढाई प्रतिशत बढ़ने की संभावना।
– ‘पोषण भी पढ़ाई भी’ कार्यक्रम को बच्चों के लिये विश्व का सबसे बड़ा विद्यालय-पूर्व शिक्षा कार्यक्रम बनाने का लक्ष्य।
– आयुष्मान भारत कार्यक्रम में 34.7 करोड़ से अधिक कार्ड जारी, 7.37 करोड़ दाखिले इस कार्ड से।
– आयुष्मान कार्ड योजना से लोगों को इलाज खर्च में 1.25 लाख करोड़ रुपये की बचत।
– देश में मानसिक स्वास्थय की सुरक्षा सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती बन रही है।
-रोजगार की परिस्थितियों में छह वर्षों में सुधार हुआ है 2022-23 में बेरोजगारी दर घट कर 3.2 प्रतिशत रही।
– संगठित क्षेत्र में रोजगार बढ़ा है, कर्मचारी भविष्य निधि योजना में शुद्ध पंजीकरण पिछले पांच वर्षों में दो गुना हुआ।
-कृषि क्षेत्र में पिछले पांच वर्ष के दौरान औसत वार्षिक वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत, 2023-24 में वृद्धि दर 1.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
-2014-15 से 2022-23 के बीच पशुधन के क्षेत्र में साल दर साल 7.38 की दर से वृद्धि मत्स्य पालन क्षेत्र में इस दौरान वृधि दर 8.9 प्रतिशत रही।
-औद्योगिक वृद्धि दर 2023-24 में 9.5 प्रतिशत, एक दशक में विनिर्माण क्षेत्र में वार्षिक औसत वृद्धि 5.2 प्रतिशत।
-इस्पात का उत्पादन और खपत उच्चतम स्तर पर
-2023-24 में कोयला उत्पादन 99. 72 करोड़ टन खपत 1.23 अरब तन से अधिक।
-भारत कपड़ों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और कपडा निर्यात के मामले में पांच प्रमुख कपड़ा निर्यात देशों में।
-इलेक्ट्रॉनिक सामानों का निर्यात तेज़ी से बढ़ा है, विश्व बाजार में भारत का हिस्सा 2021-22 में 3.7 प्रतिशत तक रहा।
-2022-23 में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन 8. 22 लाख करोड़ रुपये और निर्यात 1.9 करोड़ रुपये रहा।
-पीएलआई योजना से निवेश और उत्पादन बढ़ा।
-एमएसएमई उद्यमियों को 6.78 लाख करोड़ रुपये की कुल 91. 76 लाख ऋण गारंटी मंज़ूर।
-पेटेंट आवेदनों की वार्षिक स्वीकृतियों की संख्या 2014-15 से 2023-24 के बीच सात गुना बढ़ी।
-2023-24 में 103057 पेटेंट मंजूर किये गये, मार्च 2024 में स्टार्टअप की संख्या 1.25 लाख तक पहुंची, 2016 में संख्या 300 थी।
-2023-24 में अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का योगदान 55 प्रतिशत रहा और वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहा।
-विदेशी कंपनियों द्वारा स्थापित वैश्विक क्षमता केंद्रों की संख्या 2022-23 में 1580 से अधिक हुयी, 2015 में यह संख्या एक हजार थी।
-2013-14 से 2023-24 के बीच राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की गति औसतन 11. 7 किलोमीटर प्रतिदिन से बढ़कर 34 किलोमीटर।
-पांच साल में रेलवे पर पूंजीगत खर्च 77 प्रतिशत बढ़ा।
-पिछले वित्त वर्ष में 21 नये हवाई अड्डा टर्मिनल चालू जीससे सालाना 6.२ करोड़ यात्रियों के आवागमन की अतिरिक्त सुविधा बनी।
-लॉजिस्टिक्स सुविधाओं का विस्तार
-उजाला योजना से 48.42 अरब यूनिट बिजली की वार्षिक बचत, कार्बन उत्सर्जन में 393 लाख टन की गिरावट।
-स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में 10 वर्ष में कुल 8.5 लाख करोड़ का नया निवेश।
-2023-24 में 27 शहरों में लगभग 86 किलोमीटर नये रेल मार्ग चालू, 939 किलोमीटर पर काम जारी।
-14.89 करोड़ ग्रामीण परिवारों (76.12) प्रतिशत को नल जल सुविधा।
-भारत के पास 55 सक्रिय अंतरिक्ष परिसम्पतियाँ जिनमें 18 संचार उपग्रह शामिल।
-डिजिटल लॉकर मंच पर उपयोगकर्ताओं की संख्या 26.28 करोड़ रुपये।
खेलो इंडिया में पिछले साल 38 नयी बुनियादी सुविधायें स्वीकृत की गयीं, 58 परियोजनायें पूरी की गयीं।