दुनिया पर मंडरा रहा है ये बड़ा खतरा,नासा ने किया आगाह….
May 7, 2019
नई दिल्ली,दुनिया पर ये बड़ा खतरा मंडरा रहा है. नासा ने एक गेम के जरिए दिखाया कि एक उल्कापिंड का धरती से टकराना कितना खतरनाक हो सकता है. उसने एक झूठे गेम में दिखाया कि कैसे एक खतरनाक उल्कापिंड जो धरती की ओर बढ़ रहा है वह 29 अप्रैल, 2027 को धरती से टकरा सकता है. नासा के गेम में सामने आया कि अगर यह उल्कापिंड धरती से टकराया तो न्यूयॉर्क शहर तबाह हो जाएगा. इससे पहले 2013 में फ्रेंच रिवेरा, 2015 में ढाका और 2017 में टोक्यो को नासा ने अपने इस गेम के प्रयोग में तबाह करके दिखाया था.
इस गेम में नासा ने इस बात का अनुमान लगाया कि आज से 8 साल बाद धरती से टकराने वाले उल्कापिंड को अगर अपनी पूरी तैयारी के बाद भी नासा रोकने में नाकाम रहता है तो यह धरती से न्यूयॉर्क शहर का नामोनिशान मिटा देगा. यह प्रयोग ‘प्लेनेटरी डिफेंस’ यानि ग्रहों की रक्षा करने वाली एक अंतरराष्ट्रीय कम्युनिटी के इवेंट में दिखाया जाता है. जो हर साल होता है. इसका हालिया इवेंट सोमवार को वाशिंगटन में हुआ. जिसमें शुरुआत में ही बताया गया कि 100 से 300 मीटर यानि 330 से 100 फीट के व्यास का एक उल्कापिंड देखा गया है, जिसके वैज्ञानिकों की गणना के दौरान धरती से टकराने की सिर्फ 1% संभावना है.
ऐसे में हर रोज करीब 200 खगोलविदों, इंजीनियरों और आपातकालीन परिस्थितियों के विशेषज्ञों ने नई जानकारियों के हिसाब से मीटिंग की और नए अपडेट की जानकारी ली. और इसका प्रयोग NASA के बनाए एक गेम के जरिए किया गया. ऐसे में जैसे-जैसे दिन गुजरते गए एक बड़े उल्कापिंड के धरती से टकराने का खतरा 10% तक बढ़ गया जो बाद में बढ़कर 100% पर पहुंच गया.ऐसे में नासा ने 2021 में इसके परीक्षण के लिए एक जांच शुरू की. उसी साल दिसंबर में, खगोलविदों ने यह तय किया कि यह सीधे डेनवर इलाके की ओर बढ़ रहा है और यह पश्चिमी अमेरिका के इस शहर को बर्बाद कर देगा.
ऐसे में अमेरिका, यूरोप, रूस, चीन और जापान की बड़ी स्पेस शक्तियों ने 6 ऐसे काइनैटिक इंपैक्टर्स बनाने का फैसला किया जो इस उल्कापिंड को मारकर उसकी दिशा बदल दें अगस्त 2024 तक ये बनकर तैयार हो गए. अब इन्हें लॉन्च किया जाना था. लेकिन जब लॉन्च किया गया तो 6 में से सिर्फ 3 काइनैटिक इम्पैक्टर ही उल्कापिंड को मारने में सफल रहे. साथ ही इनकी मार से उल्का पिंड का एक छोटा हिस्सा टूट गया और पूर्वी अमेरिका की ओर बढ़ने लगा.
वॉशिंगटन ने 60 मीटर के इस टुकड़े को तोड़ने के लिए एक परमाणु बम छोड़ने की बात सोची. दरअसल पिछली बार के प्रयोग में इसी तकनीक से टोक्यो शहर को बचाया गया था. लेकिन राजनीतिक दबावों के चलते ऐसा नहीं हो सका. इसके बाद सिर्फ लोग त्रासदी के लिए तैयार रह सकते थे. केवल 6 महीने इसके लिए बचे हैं ऐसे में जब सिर्फ दो महीने बचे तो तय हो गया कि यह उल्कापिंड सीधा न्यूयॉर्क पर गिर रहा है और इसके गिरते ही यह शहर पूरी तरह से तबाह हो जाएगा.