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भारत-बांग्लादेश के आईएसआई ठिकानों को ध्वस्त करना है प्राथमिकता

ढाका/नई दिल्ली,  बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 7 अप्रैल से भारत की चार दिवसीय यात्रा पर हैं और इस दौरान दोनों देशों के बीच संभावित रक्षा समझौते पर बात की जाएगी। प्रधानमंत्री हसीना 7 अप्रैल से 10 अप्रैल तक भारत में रहेंगी। 8 अप्रैल को नई दिल्ली में भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्री की बातचीत होगी। इस बाबत हसीना के राजनीतिक सलाहकार हुसैन तौफीक इमाम ने गुरुवार को कहा कि दोनों की प्राथमिकता सबसे पहले देश में मौजूद आइएसआइ ठिकानों को ध्वस्त करना है।

इमाम ने बताया कि सुरक्षा मामले में भारत और बांग्लादेश का रिश्ता रक्षा सहयोग से बढ़कर है जो 2009 जनवरी में आवामी लीग पार्टी के सत्ता में आने के बाद से अबतक जारी है। इमाम ने एएनआई को बताया, एक भारतीय उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बांग्लादेश का दौरा किया था और हमारे बीच इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी।

उन्होंने आगे बताया कि दोनों देश एक साथ कई सालों से विभिन्न मुद्दों जैसे पावर ट्रांसफर, रोडवेज आदि पर काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री हसीना के व्यक्तिगत रिश्ते अच्छे हैं। हालांकि इमाम ने इस दौरे में होने वाले किसी तरह के समझौते पर बयान नहीं दिया। इमाम ने कहा भारत और बांग्लादेश वार्ता में चीन को शामिल करने की संभावना नहीं है।

नई दिल्ली और ढाका के बीच तीस्ता जल विवाद पर बोलते हुए इमाम ने कहा, शायद हम चीन को विश्वास दिलाने में कामयाब हो जाएं कि उन्हें पानी का रास्ता नहीं बदलना चाहिए क्योंकि इससे भारत और बांग्लादेश प्रभावित होगा। ढाका ट्रिब्यून के अनुसार आगामी दौरे से उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग के रिश्ते को मजबूती मिलेगी।

ढाका में भारतीय हाइ कमिश्नर हर्षवर्धन श्रींगला ने बताया कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हसीना का यह भारत दौरा काफी महत्वपूर्ण है। बता दें कि प्रधानमंत्री हसीना को राष्ट्रपति भवन में ठहरने का भारतीय समकक्ष मोदी ने न्यौता दिया था जहां ठहरने का मौका आमतौर पर किसी देश के प्रमुख को नहीं दिया जाता। भारतीय विदेश सचिव एस. जयशंकर ने पिछले माह बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को फोन किया और भारत-बांग्लादेश रिश्ते में हुए हाल के विकास का ब्यौरा दिया था।

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