मौसम विभाग ने की इस साल बारिश को लेकर हुई ये भविष्यवाणी
May 14, 2019
नई दिल्ली, मौसम की भविष्यवाणी करने वाली निजी कंपनी स्काईमेट ने मंगलवार को कहा कि केरल में चार जून को मानसून दस्तक दे सकता है, जो देश में बारिश के मौसम की आधिकारिक शुरुआत होगी. स्काईमेट के पूर्वानुमानों के मुताबिक, इस साल मानसून पर अलनीनो का असर पड़ सकता है. इस साल मानसून सामान्य का 93 फीसदी रह सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, 4 जून को केरल पहुंच सकता है. इससे पहले 22 मई को मानसून अंडमान निकोबार पहुंचेगा.
आपको बता दें कि इससे पहले भारत के मौसम विभाग ने कहा था कि अल नीनो की स्थिति कमजोर बनी हुई है. इसके आगे बढ़ने की संभावना बहुत कम नज़र आ रही है. अगले कुछ महीनों में ये और कमजोर हो सकता है. अगर ऐसा होता है तो देश के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है, क्योंकि मानसूनी बारिश का सीधा असर ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ता है.
स्काईमेट के मुताबिक, इस साल बंगाल, बिहार, झारखंड में बारिश कम होगी. पूर्वी भारत में सामान्य सामान्य के मुकाबले 92 फीसदी बारिश होने का अनुमान है. राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब में अच्छी बारिश के अनुमान जताए जा रहे हैं. मध्यभारत में मॉनसून सामान्य से 50 फीसदी कम रह सकता है.
प्रशांत महासागर में पेरू के पास समुद्री तट के गर्म होने वाली घटना को अलनीनो कहा जाता है. पिछले कुछ साल से प्रशांत महासागर की सतह का तापमान बढ़ रहा है.अलनीनो की वजह से समुद्री हवाओं का रुख बदल जाता है. इसका असर ये होता है कि ज्यादा बारिश वाले क्षेत्रों में बारिश नहीं होती और इसके उलट जिन इलाकों में बारिश नहीं होती है, वहां मूसलाधार बारिश होती है.
मानसून का सीधा असर ग्रामीण आबादी पर पड़ता है. मानसून सामान्य और अच्छा रहने से ग्रामीण इलाकों में लोगों की आय बढ़ती है, जिससे मांग में भी तेजी आती है. ग्रामीण इलाकों में आय बढ़ने से इंडस्ट्री को भी फायदा मिलता है. वहीं, कमजोर रहने पर इसका उलटा असर होता है.
1951-2000 की बात करें तो देश में बारिश का लॉन्ग पीरियड एवरेज 89cm रहा है. इससे पहले मौसम के बारे में जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट का अनुमान दिया है कि जून से सितंबर के दौरान सीजन में सामान्य की 93 फीसदी बारिश होगी. हालांकि एजेंसियां यह मानकर चलती हैं कि इसमें थोड़ा बहुत बदलाव आ सकता है. 5 फीसदी ज्यादा या कम हो सकता है.