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इटावा सफारी पार्क में पर्यटकों को कराए जाएंगे जेसिका, हीर और गीगो के दीदार

इटावा,  एशियाई शेरों के सबसे बड़े आशियाने के रूप में दुनिया भर में लोकप्रिय उत्तर प्रदेश के इटावा के बीहड़ों में स्थापित सफारी पार्क के पर्यटकों को उम्रदराज शेर और शेरनियों के दीदार करने की तैयारी में सफारी प्रबंधन जुट गया है। जिन शेर और शेरनियों के दीदार पर्यटकों को करने की तैयारी सफारी प्रबंध कर रहा है उनके नाम हीर ,जेसिका और गीगो है।

इटावा सफारी पार्क के उपनिदेशक विनय कुमार सिंह ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि सफारी प्रबंधन उम्र दराज तीन शेर और शेरनियों को पर्यटकों के दीदार के लिए तैयार करने में जुट गया है। जल्द ही तीनों शेर और शेरनियों के दीदार इटावा सफारी पार्क में आने वाले पर्यटक कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि सफारी प्रबंधन उम्र दराज शेर और शेरनियों को एक पखवाड़े के भीतर पर्यटकों के दीदार के लिए सफारी में माहोल पूरी तरह से तैयार कर लेंगे।

उन्होंने बताया कि इटावा सफारी पार्क में वर्तमान में कुल 15 बब्बर शेर है, जिनमें 07 नर व 08 मादा है। इन शेरों में हीर नामक शेरनी सबसे उम्रदराज है। जिसकी उम्र लगभग 16 वर्ष है जबकि गीगो नामक बब्बर शेर एवं जेसिका नाम की शेरनी की उम्र लगभग 15 वर्ष है। इन तीनों शेरों में वृद्धावस्था के लक्षण परिलक्षित होने लगे हैं परन्तु इटावा सफारी पार्क के पशु चिकित्सकों द्वारा इन तीनों शेरों को विटामिन एवं अन्य आवश्यक अनुपूरक दवाएं समय समय पर दिये जा रहे है ताकि इनके बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम किया जा सके।

शेरनी जेसिका 07 से अधिक बार प्रजनन कर चुकी है तथा मनन नामक शेर के साथ मेटिंग करके 08 बब्बर शेरों को इटावा सफारी पार्क में जन्म दिया है। जेसिका के बच्चे सिमबा, सुल्तान, भरत, रूपा, सोना, गार्गी एवं नीरजा अब दूसरी पीढ़ी को बढ़ाने के लिए तैयार हैं। हीर एवं गीगो से कोई भी शावक इटावा सफारी पार्क में उत्पन्न नहीं हो सका है परंतु यहां के खुशनुमा वातावरण में ये अपना स्वस्थ जीवन यापन कर रहे हैं। इन तीनों उम्रदराज शेरों का भी बहुत जल्द पर्यटक लाॅयन सफारी में दीदार कर सकेंगे। जिसके लिए पार्क प्रशासन द्वारा तैयारी की जा रही है।

उन्होंने बताया कि बब्बर शेरों का अपने प्राकृतवास (वाइल्ड) में जीवनकाल औसतन 14 से 16 वर्ष का होता है जबकि प्राणी उद्यान/सफारी में इनकी आयु 20 वर्ष तक हो सकती है। नर शेरों की अपेक्षा मादा शेरों की औसतन आयु कम होती है। इंसानों की तरह बब्बर शेरों में भी बढ़ती उम्र के साथ वृद्धावस्था के लक्षण दिखने लगते है। बब्बर शेरों में 12-13 साल की उम्र के बाद प्रकट होने वाले लक्षणों में कैनाइन दांतों में पीलापन बढ़ना, आंखों से चमक का कम होना, त्वचा में ढीलापन, निचले होंठो में लटकाव एवं स्फूर्ति में कमी आना शामिल है।