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जानिए दुनिया भर में कितना भोजन बेकार हो जाता है

हेलसिंकी, दुनिया में पकने वाले कुल भोजन का एक-तिहाई फेंक दिया जाता है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम  के इंटरनेशनल रिसोर्स पैनल के सह-अध्यक्ष जेनेज पोटोकनिक ने यहां  इसकी जानकारी दी।  हेलसिंकी में आयोजित पहले वर्ल्ड फोरम ऑफ सर्कुलर इकोनॉमी  के उद्घाटन समारोह के मौके पर उन्होंने यह बात कही। इस आयोजन में 90 देशों के लगभग 1,700 विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं।

पोटोकनिक ने कहा कि दुनिया में लगभग 80 करोड़ लोग भूखे हैं, जबकि दो अरब से अधिक लोग मोटापे के शिकार हैं। उन्होंने समस्या के निदान के लिए सार्वजनिक नीति तथा राजनीति इच्छाशक्ति का आह्वान किया। उन्होंने कहा, हमें अपना ध्यान एक बार फिर उन कारणों के नतीजों पर केंद्रित करना होगा, जिसके कारण आर्थिक व सामाजिक असंतुलन पैदा होता है।

कार्यक्रम की मेजबानी फिनिश इनोवेशन फंड, सिट्रा कर रही है, जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास के लिए सर्कुलर इकोनॉमी को एक मॉडल के रूप में बढ़ावा देना है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रतिनिधि सर्गेई इवानोव ने कहा कि रूस के लिए सर्कुलर इकॉनमी बहुत महत्वपूर्ण होगा। सिट्रा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी  मिक्को कोसोनेन ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था ने यह महसूस किया है कि सतत विकास उसके हितों के अनुकूल है।

कोसेनेन ने संभावना जताई कि सर्कुलर इकोनॉमी एक नई उपलब्धि होगी, जिसके लिए फिनलैंड जाना जाता है। सिट्रा में कार्बन न्यूट्रल सर्कुलर इकोनॉमी के निदेशक मारी पंजार ने कहा कि सबसे पहले फंड का इस्तेमाल फिनलैंड के स्कूलों में बचने वाले भोजन को कस्बों में बेचने की परियोजनाओं पर खर्च किया गया।

फिनलैंड के स्कूलों में दोपहर का भोजन दिया जाता है, लेकिन उनके बच जाने पर उन्हें अक्सर पहले फेंक दिया जाता था। बाद में परियोजना को सैकड़ों स्कूलों में लागू किया गया। सिट्रा ने फिनलैंड में खुदाई के सतत मानदंडों के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, शुरुआत में तो यह बेहद कठिन था, क्योंकि खदान उद्योग अपने हितों को लेकर चिंतित थे। दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान 130 वक्ता अपना संबोधन देंगे।