Breaking News

बीमार मानसकिता की सरकार ने उत्तर प्रदेश को बना दिया था बीमारू: CM योगी

लखनऊ,  समाजवादी पार्टी (सपा) का नाम लिए बगैर निशाना साधते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि पहले की सरकार में प्रदेश के नौजवानों के सामने पहचान का संकट होता था। सरकारी नौकरी निकलती थी तो चाचा और भतीजा झोला लेकर के वसूली पर निकल पड़ते थे।

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 1,573 एएनएम स्वास्थ्य कार्यकर्त्रियों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के अवसर पर श्री योगी ने कहा कि पूर्व की बीमार मानसकिता की सरकार ने उत्तर प्रदेश को बीमारू बना दिया था। हमारी सरकार ने पिछले छह वर्ष के अंदर यूपी को बीमारू राज्य की श्रेणी से उबारकर एक सक्षम राज्य बनने की ओर अग्रसर किया है। नीति आयोग के आंकड़े इसके गवाह हैं।

उन्होने कहा कि 2017 से पहले की सरकार में प्रदेश का प्रतिभाशाली नौजवान ठगा रह जाता था। आज प्रदेश के आयोग या बोर्ड पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता है। आज हम टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग करते हुए पूरे पारदर्शी तरीके से सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि प्रदेश के नौजवानों के मन में उत्साह है और उनके मन में प्रदेश के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना है।

योगी ने कहा कि नीति आयोग के आंकड़ों को देखें तो वर्ष 2015-2016 में प्रदेश में पौने छह करोड़ लोग यानी 37.68 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे थे। वहीं हमारी सरकार वर्ष 2019 से 2021 के अंदर ही इसे कम करते हुए 22 फीसदी पर लाने में सफल हुई। वहीं आज के समय में यह आंकड़ा मात्र 12 फीसदी पर रह गया है। यह आंकड़ा सभी को आश्चर्य में डालता है।

उन्होंने कहा कि जिन जिलों में बहुत कम कार्य हुए थे, हमारी सरकार ने उन्हें चिह्नित किया। इसके तहत नीति आयोग द्वारा चयनित आठ आकांक्षात्मक जनपदों के साथ-साथ हमने 100 आकांक्षात्मक विकास खंडों का भी चयन किया और नीति आयोग द्वारा निर्धारित किए गए पैरामीटर्स शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि एवं जल संसाधान, कौशल विकास एवं रोजगार और आर्थिक असमानता पर कार्य करना शुरू किया। इसी का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर तेजी के साथ आगे बढ़ पाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम मिशन रोज़गार के साथ-साथ मिशन शक्ति का भी है, क्योंकि इससे प्रदेश की बालिकाएं जुड़ी हुई हैं, यह उन्हें सशक्त बनाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल में हमारी सरकार 19 नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम आयोजित कर चुकी है, जिसके तहत लगभग 58000 नौजवानों को सरकारी नौकरी दी गई है। अगर सरकार के पास दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो ऐसे ही पारदर्शी तरीके से युवाओं को नौकरी और रोजगार से जोड़ सकती है।

उन्होने नवनियुक्त एएनएम को बधाई दी। कहा कि पहले की सरकारों में आशा वर्कर और एएनएम स्वास्थ्य कार्यकर्त्रियों की उपेक्षा की जाती थी। इनकी सेवाओं का मूल्यांकन नहीं हो पाता था। जगह खाली पड़ी रहती थी, कोई भरता नहीं था। हमारी सरकार ने एएनएम स्वास्थ्य कार्यकर्त्रियों के महत्व को समझते हुए इस दिशा में कार्य करना शुरू किया। इसकी नतीजा है कि खाली पड़े पद आज भरे जा रहे हैं।

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।