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भारत का उदय वैश्विक शांति,सद्भाव का आश्वासन: उपराष्ट्रपति धनखड़

नयी दिल्ली,  उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को कहा कि युद्ध के लिए सदैव तैयार रहना शांति के लिए सबसे सुरक्षित मार्ग है और भारत का उदय वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए एक आश्वासन है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज यहां एक उपराष्ट्रपति निवास पर “अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक सहभागिता कार्यक्रम” (आईएन-स्टेप) के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि शांति को शक्ति से ही सुरक्षित रखा जा सकता है और युद्ध के लिए सदैव तैयार रहना शांति के लिए सबसे सुरक्षित मार्ग है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी में भारत का उदय विश्व शांति, सद्भाव और वैश्विक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ा आश्वासन है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक शांति, स्थिरता और सद्भाव को बनाए रखने और बनाए रखने के लिए समान विचारधारा वाले देशों को शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। इन-स्टेप 21 देशों के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों और आठ भारतीय अधिकारियों वाले इस दो सप्ताह के कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत आर्थिक विकास पर है और यह वृद्धि अजेय है। उन्होंने कहा कि भारत की असाधारण विकास की कहानी है जो दूरदर्शी नेतृत्व, समावेशी विकास और अटूट दृढ़ता का उदाहरण है। अर्थव्यवस्था और प्रभावी कूटनीति और बढ़ती सौम्य शक्ति के कारण दुनिया शांति के लिए सकारात्मक परिवेश के लिए भारत की ओर देख रही है।

वैश्विक शांति और सुरक्षा को विकास के लिए अनिवार्य करार देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि शांति की सबसे अच्छी स्थिति शक्ति है। युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहना शांतिपूर्ण माहौल के लिए सबसे सुरक्षित मार्ग है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया के किसी भी हिस्से में टकराव करने वाले देशों से परे वैश्विक अर्थव्यवस्था और आपूर्ति श्रृंखला पर इसका असर पड़ता है और ऐसे टकराव का समाधान कूटनीति और बातचीत में निहित है।

उन्होंने कहा कि अलगाव का दृष्टिकोण अब अतीत की बात है। इस सभी राष्ट्रों को सार्थक चर्चा में शामिल होने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रभावी नीति निर्माण और संघर्ष समाधान के आधार के रूप में बातचीत और एकजुटता से काम करने पर जोर दिया।