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लोकसभा चुनाव लोकतंत्र को बचाने, संविधान की रक्षा के लिए लड़ा जा रहा है: राहुल गांधी

तिरुनेलवेली, तमिलनाडु में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 लोकतंत्र को बचाने और भारतीय संविधान की रक्षा के लिए लड़ा जा रहा है।

राहुल गांधी ने आज शाम यहां पलायमकोट्टई में इंडिया समूह के उम्मीदवारों के समर्थन में एक जन बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे विश्वास है कि हम यह लड़ाई जीतने जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि आज भारत में वैचारिक लड़ाई चल रही है। एक तरफ पेरियार के सामाजिक न्याय, स्वतंत्रता और समानता के विचार और दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), श्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के विचार हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक देश, एक नेता और एक भाषा के हक में हैं। तमिल भाषा किसी भी अन्य भारतीय भाषा से कम नहीं है। देश में कई अलग-अलग भाषाएं, कई अलग-अलग परंपराएं, इतिहास और संस्कृतियां हैं और वे सभी हमारे लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। तमिल के बिना, बंगाली के बिना, हमारे लोगों द्वारा बोली जाने वाली बड़ी संख्या में भाषाओं के बिना कोई भारत नहीं हो सकता।

राहुल गांधी ने कहा, “हम (कांग्रेस) कहते हैं कि सभी हमारे लोग हैं, हमारी सभी परंपराएं, हमारी सभी भाषाएं पवित्र हैं और वहीं भाजपा कहती हैं कि एक नेता, एक भाषा, एक परंपरा और एक इतिहास होना चाहिए।”

वायनाड सांसद ने कहा कि भारत आज ब्रिटिश काल की तुलना में अधिक असमान है। आज मात्र 21 भारतीयों के पास देश के 70 करोड़ लोगों से अधिक संपत्ति है। उन्होंने कहा कि देश में 30 किसान हर दिन आत्महत्या करते हैं और फिर भी प्रधानमंत्री उनके ऋण को भूलने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन वह सबसे अमीर भारतीयों को 16 लाख करोड़ रुपये दे सकते हैं और उनके ऋण भूल सकते हैं। महज दो या तीन बड़े उद्योगपतियों को सारे ठेके, सारे लाभ मिले और हर एक उद्योग उन्हें सौंप दिया गया। जिनमें से कोई भी तमिलनाडु से नहीं आता है। सिर्फ इसलिए कि अडानी मोदी के करीबी हैं और प्रधानमंत्री की मदद करते हैं। इसलिए बंदरगाह, हवाई अड्डे, विद्युत ऊर्जा, पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, रक्षा उद्योग ये सभी उन्हें सौंप दिए गए। नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से पूरा लघु और मध्यम उद्योग नष्ट हो गया है। प्रधानमंत्री द्वारा प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई और आयकर विभाग को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा चुनाव आयुक्तों को प्रधानमंत्री द्वारा चुना जा रहा है।