समाज की जरूरत के अनुरूप संसाधन व सुविधाएं जुटाना सरकार का दायित्व : मुख्यमंत्री योगी

गोरखपुर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा किसी भी सभ्य समाज के लिए उसकी जरूरत के अनुरूप आवश्यक सुविधाएं और संसाधन जुटाना लोकप्रिय सरकार का दायित्व होना चाहिए।

उन्होने कहा कि सुविधाओं और संसाधनों की व्यवस्था होना समस्या समाधान का भी मंच बनता है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि आज के समय में समाज के अलग-अलग तबके के लिए उनकी आय के अनुरूप बेहतरीन सुविधाएं और व्यवस्थाएं देकर उनका जीवन आसान बना सकें।

मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार को सूरजकुंड कॉलोनी में बने शहर के दूसरे कल्याण मंडपम का लोकार्पण करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। यह कल्याण मंडपम नगर निगम की तरफ से 4.52 करोड़ रुपये की लागत से 35500 वर्गफीट क्षेत्र में बनाया गया है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर नगर निगम प्रदेश का पहला नगर निगम है जिसने निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों के मांगलिक कार्यक्रमों को सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए कल्याण मंडपम बनाने की पहल की। 11 से 25 हजार रुपये में यदि मांगलिक कार्य के लिए कल्याण मंडपम जैसा स्थल मिल जाए तो समारोह काफी आसानी, अच्छे और सस्ते में हो सकता है। इसके अलावा नगर निगम की तरफ से पांच और कल्याण मंडपम निर्माणाधीन हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विधायक निधि का पूरा पैसा कल्याण मंडपम के लिए दे दिया है। कहा कि गोरखपुर नगर निगम जैसी संस्थाएं अन्य निकायों के लिए मानक बन सकती हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मार्ट सिटी का जो विजन दिया है, उसे सेफ सिटी में भी बदलना है। हमें ऐसा शहर बनाना है जहां बेटी, व्यापारी, बच्चे, संभ्रांत समेत समाज का हर व्यक्ति खुद को सुरक्षित महसूस कर सके। इसके लिए पुख्ता व्यवस्था करनी होगी ताकि सुरक्षा में सेंध लगाने की हिम्मत करने वाले जान लें कि उन्हें इसकी क्या कीमत चुकानी पड़ेगी। सेफ सिटी की अवधारणा को साकार करने के लिए सीएम योगी ने आह्वान किया कि हर व्यक्ति अपने घर के बाहर कैमरे लगवाए इससे प्रौद्योगिकी सुरक्षा का बड़ा माध्यम बनेगी।

मुख्यमंत्री ने नागरिकों को स्वच्छता और और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि किसी भी अच्छी व्यवस्था के लिए पहल करनी पड़ती है और यह सामूहिक जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी स्वच्छता को प्राथमिकता देते हैं। यह हम सबका भी दायित्व होना चाहिए। इस अवसर पर सीएम ने पार्षदों से अपील की कि वे अपने वार्डों में मोहल्ला समितियां गठित कराएं। सफाई की निगरानी इस समिति के जिम्मे हो और साथ ही समितियों को पौधरोपण और पर्यावरण संरक्षण से भी जोड़ा जाए।

जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक बारिश, असमय बारिश और सूखा पड़ने के संकट की चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि ऐसे संकट पूरे क्षेत्र को चपेट में लेते हैं। मानव जनित समस्या के समाधान का मार्ग भी मानव को ही बनाना होगा। सीएम योगी ने कहा कि क्लाइमेट चेंज की भयावह स्थितियों से बचने के लिए प्रकृति की शरण में जाना होगा। उन्होंने पर्यावरण की समस्या के समाधान के पीएम मोदी के आह्वान के अनुरूप एक पेड़ मां के नाम लगाने, नदियों के कैचमेंट एरिया में दोनों तरफ पौधरोपण करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि नदियां राष्ट्र रूपी शरीर की धमनियों जैसी हैं। इनके लुप्त होने पर जलसंकट उत्पन्न हुआ। गोड़धोइया नाला भी कभी नदी थी। नदी से नाला और उस पर भी कब्जे की स्थिति बन गई। आज गोड़धोइया को पुनर्जीवित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के दोनों तरफ पौधे लगाकर हम प्रकृति और पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर सकते हैं। पौधरोपण की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष 35 करोड़ पौधरोपण के लिए 50 करोड़ नर्सरी तैयार है।

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