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21 फरवरी का है ये खास इतिहास, सहस्त्राब्दि के पहले कुंभ का समापन

नयी दिल्ली,हमारे देश में धर्म और आस्थाओं का एक खास स्थान है। हिंदू कैलेंडर में हर दिन कोई न कोई व्रत, त्यौहार का आयोजन किया जाता है। कुंभ का आयोजन भी आस्था का ऐसा ही विशालतम रूप है। हर 12 वर्ष बाद आने वाला महाकुंभ विश्व के सबसे बड़े मानव समागम के रूप में इतिहास की किताबों में दर्ज है। भारत के कुंभ मेले को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने दुनिया की सबसे बड़ी शांतिपूर्ण सभा के रूप में मान्यता दी है।

2001 में इस सदी के पहले महाकुंभ का आयोजन किया गया था और 21 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन इस कुंभ का समापन हुआ था। इतने व्यापक पैमाने पर इस मेले का आयोजन राज्य सरकार के लिए सदा से एक बड़ी चुनौती रहा है, लेकिन साथ ही यह राज्य की अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने में योगदान देता है। इस समय प्रयागराज में कुंभ का आयोजन किया जा रहा है, जिसे अर्द्धकुंभ भी कहा जाता है। यह महाकुंभ के छह साल बाद आयोजित किया जाता है। इससे पिछला महाकुंभ 2013 में आयोजित किया गया था।

1959 : नयी दिल्ली में प्रेस क्लब आफ़ इंडिया की स्थापना।

1965 : विवादित राष्ट्रवादी अश्वेत नेता मालकॉम एक्स की अमेरिका में हत्या कर दी गई। न्यूयार्क में उन्हें उनके 400 समर्थकों के सामने गोली मार दी गई। हत्या के पीछे नेशन ऑफ इस्लाम नाम के एक संगठन का हाथ होने का संदेह।

1972 : अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड पी निक्सन ने चीन की यात्रा कर दोनो देशों के बीच पिछले 21 साल के दुराव को समाप्त किया।

1999 : युनेस्को ने 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया।

1999 : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ़ के बीच लाहौर घोषणा पर समझौता।

2001 : सहस्रशताब्दी के पहले महाकुंभ का समापन।

2004 : देश की टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने डब्ल्यू टी ए खिताब जीतकर एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम की। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी।