आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक 16 अक्टूबर को जब छात्र परीक्षा में बैठे तो उन्हें कार्टन (गत्ते का डिब्बा) दिया गया, जिसमें सिर्फ सामने की तरफ का हिस्सा काटा गया था। इस कार्टन को पहनाकर छात्रों की परीक्षा ली गई, ताकि वे नकल के लिये इधर उधर न देखें और उनकी नजरें सिर्फ प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका पर रहें।
सूत्रों ने कहा कि कॉलेज के अधिकारियों ने इसे नकल रोकने के लिये एक ‘प्रयोग’ बताया। हालांकि जैसे ही कार्टन पहने छात्रों की तस्वीरें वायरल हुईं, शिक्षा विभाग के अधिकारी कॉलेज पहुंचे और उसे रुकवाया। अधिकारियों ने कहा कि कॉलेज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस. सुरेश कुमार ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। किसी को भी ये अधिकार नहीं है कि वे छात्रों के साथ जानवरों की तरह व्यवहार करे। इस विकृति से सख्ती से निपटा जाएगा।