सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई विपक्षी सदस्य महाराष्ट्र के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग करने लगे। सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन को बताया कि कांग्रेस के आनंद शर्मा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के के के राजेश एवं ई करीम और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वाम ने नियम 267 के तहत काम रोको प्रस्ताव दिया है लेकिन महाराष्ट्र का मामला उच्चत्तम न्यायालय में लंबित है इसलिए इस पर चर्चा नही की जा सकती और नोटिस नामंजूर की जाती है।
इस पर विपक्षी सदस्य भड़क गए। कांग्रेस के आनंद शर्मा, दिग्विजय सिंह एवं जयराम रमेश समेत सभी कांग्रेसी सदस्य और विपक्षी सदस्य सीट पर से उठकर शोर मचाने लगे और नारेबाजी करने लगे। हंगामे में श्री नायडू ने सदन के पृर्व सभापति आर वेंकटरमन की एक रूलिंग पढ़ कर सुनाने लगे जिसके अनुसार इस मुद्दे पर चर्चा नही की जा सकती। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी कहा कि नियम 267 के तहत सदन में राज्यपाल का मुद्दा नही उठाया जा सकता है।
जनता ने भाजपा को जनादेश दिया है लेकिन शिवसेना और कांग्रेस जुगाड़ तंत्र से सरकार बनाना चाहती है। यह लोकतंत्र का अपहरण है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार राजनीति के पक्के खिलाड़ी हैं लेकिन वे गीली पिच पर गेंद खेलने की कोशिश कर रहे हैं जिसके कारण वे फिसल गये हैं। यह सुनकर विपक्षी सदस्य और भड़क गए और उन्हने हंगामा तेज कर दिया। यह देखकर श्री नायडू ने दो बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।