पुणे, भारतीय टीम के मौजूदा कोच अनिल कुंबले ने कहा कि महेंद्र सिंह धोनी का बतौर कप्तान कैरियर शानदार रहा है लेकिन उनकी कप्तानी के दौरान सबसे अहम बात में से एक यह रही कि उन्होंने टीम में सीनियर खिलाड़ियों को बखूबी संभाला। विकेटकीपर बल्लेबाज धोनी तब कुंबले के बाद टेस्ट कप्तान बने थे जब इस महान लेग स्पिनर ने 2008 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के बीच में संन्यास लेने की घोषणा की थी। कुंबले ने उस दौर को याद किया जब धोनी को सभी तीनों प्रारूपों का कप्तान बनाया गया था।
रविवार को यहां इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले पहले वनडे से पहले कुंबले ने कहा, पहला चरण शायद मेरे लिये आसान था क्योंकि मेरी उम्र हो गयी थी, मेरे लिये यह कहना आसान था कि महेंद्र सिंह धोनी जिम्मेदारी संभाले। उस समय मेरे लिये जारी रखना मुश्किल था, शरीर इच्छुक नहीं था लेकिन मैंने सोचा कि मेरे लिये छोड़ने का सही समय था। महेंद्र सिंह धोनी भी टेस्ट कप्तानी संभालने के लिये तैयार था। धोनी का बतौर कप्तान शानदार कार्यकाल 2007 में विश्व टी20 जीत के साथ शुरू हुआ। कुंबले ने कहा, वहां से 2007 तक, 2007 से 2017 तक, कप्तानी के 10 साल शानदार रहे।
इससे महेंद्र सिंह धोनी की बतौर कप्तान काबिलियत दिखी और साथ ही वह उस बदलाव के दौर के दौरान क्या हासिल करने योग्य था और उस समय पर जब सीनियर खिलाड़ी जा चुके थे। ऐसे समय में कप्तान के तौर पर टीम में आना आसान नहीं था क्योंकि तब इतने सारे सीनियर खिलाड़ी टीम में थे। लेकिन उसने बहुत अच्छी तरह उनका इस्तेमाल किया। कुंबले ने उस समय का जिक्र किया जब सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज धोनी की कप्तानी में खेले थे। उन्होंने कहा, उसने (धोनी ने) उनसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन ही नहीं कराया बल्कि टीम के लिये भी यह सर्वश्रेष्ठ रहा।
नंबर एक टेस्ट टीम के तौर पर ही नहीं बल्कि बाद में विश्व कप और चैम्पियंस ट्राफी जीतने के बाद भी और अन्य कई जीत के बाद भी यह अच्छा रहा जिसमें वह टीम का हिस्सा रहा था। उन्होंने धोनी के कप्तानी से हटने के समय की भी प्रशंसा की। कुंबले ने कहा, इस टीम में युवी के अलावा हर किसी ने अपना कैरियर महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में ही शुरू किया है। इसलिये उसने ऐसा बदलाव का दौर देखा है। उसने जो हासिल किया है, उसे हासिल करना शानदार है। हम सभी जानते हैं कि खिलाड़ी और बल्लेबाज और विकेटकीपर के तौर पर उसकी कितनी अहमियत है।
निश्चित रूप से मैदान पर उसकी कितनी अहमियत है। उन्होंने कहा, फैसला लेना आसान नहीं है। उसे सलाम। यह दिखाता है कि वह कितना निस्वार्थी है। उसने शायद सोचा हो कि विराट के लिये जिम्मेदारी संभालने के लिये यह सही समय होगा। जैसा कि मुझे तब महसूस हुआ था जब मैंने सोचा था कि महेंद्र सिंह धोनी के लिये जिम्मेदारी संभालने के लिये सही समय है। कुंबले ने कहा, जैसा कि मैंने कहा कि विराट जब टीम में आया था जब महेंद्र सिंह धोनी कप्तान था इसलिये दोनों के बीच तालमेल से विराट को बतौर कप्तान मदद ही मिलेगी।