नई दिल्ली, इन शिक्षकों को भले ही 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत वेतन नहीं मिल रहा लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें उससे भी बड़ा तोहफा दिया है. पंजाब सरकार ने अपने केंद्रीय शिक्षा कार्यक्रमों के तहत भर्ती 8,886 शिक्षकों को न सिर्फ नियमित किया है बल्कि उनकी सैलरी भी बढ़ा दी है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सर्व शिक्षा अभियान के तहत भर्ती 7,356 तथा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत भर्ती 1,194 शिक्षकों के नियमितीकरण को मंजूरी दे दी गई.
इनके अलावा मॉडल स्कूलों के लिए 220 और आदर्श स्कूलों के लिए 116 शिक्षकों को नियमित करने को भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई. सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित मंत्रिमडल उप-समिति की सिफारिशों के बाद यह निर्णय किया गया.
प्रवक्ता ने कहा कि हालांकि समिति ने नियमितीकरण के दायरे में लाए जाने वाले सभी शिक्षकों को 3 साल तक 10,300 रुपये प्रति महीने देने की सिफारिश की थी, लेकिन मंत्रिमंडल ने उन्हें 15 हजार रुपये प्रति महीने देने का निर्णय किया. उन्होंने कहा कि 3 साल की परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद शिक्षकों को नियमों के अनुरूप नियमित कर दिया जाएगा.
प्रवक्ता ने कहा कि समिति ने यह सिफारिश भी की थी कि इन शिक्षकों की वरिष्ठता उनकी सेवा के नियमितीकरण की तारीख से मानी जाए. ऐसे सभी शिक्षकों या कर्मचारियों को अपना-अपना विकल्प देने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा. जो शिक्षक या कर्मचारी 15 दिन के बाद विकल्प देंगे, उनकी वरिष्ठता विकल्प जमा करने की तारीख से तय होगी.