नई दिल्ली, नरेंद्र मोदी सरकार 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के बावजूद केंद्रीय क्रमचारियों की न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की मांग पर विचार कर सकती है। नेशनल जॉइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की बैठक ने केंद्रीय कर्मचारियों की उम्मीदें बढ़ा दी है। हालांकि इस संबंध में अभी तक केंद्रीय कर्मचारियों को कोई सूचना नहीं मिली है. माना जा रहा है कि सरकार इन केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का ऐलान मार्च में कर सकती है।
हालांकि, केंद्र सरकार के विभिन्न संघों को ऐसे किसी प्रस्ताव की जानकारी नहीं है। मौजूदा समय में केंद्रीय कर्मचारियों को 18 हजार रुपए न्यूनतम वेतन मिलता है, पर वे इस रकम में आठ हजार रुपए और बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। अगर सरकार न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी कर देगी, तब उनका फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुणा से बढ़कर 3.68 गुणा हो जाएगा।
जानकारों के मुताबिक, कुछ ही दिनों बाद लोकसभा चुनाव हैं। ऐसे में मोदी सरकार इस फैसले से केंद्रीय कर्मचारियों को साधने का प्रयास करेगी। यह भी कहा जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में अगर बढ़ोतरी नहीं हुई, तब उनका डियरनेस अलाउंस (डीए) जरूर बढ़ाया जाएगा। कुछ न्यूज रिपोर्ट्स में बताया गया कि मोदी सरकार, केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूतन वेतन बढ़ाना तो चाहती है, मगर उससे सरकारी खजाने पर खासा बोझ बढ़ जाएगा। हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार द्वारा यह फैसला मार्च महीने में कभी भी लिया जा सकता है।