जेल में जबरदस्ती निकाले जा रहे हैं कैदियों के अंग…
June 20, 2019
नई दिल्ली, एक मानवाधिकार ट्रिब्यूनल ने अपनी एक रिपोर्ट पेश की है, वो दहलाने वाली है. रिपोर्ट कहती है कि चीन अपनी जेलों में बंद राजनीतिक, धार्मिक कैदियों के साथ उइगर मुस्लिमों के आर्गन जबरदस्ती निकल रहा है. इसीलिए चीन की जेलों में संदेहास्पद तरीके से काफी कैदी मर जाते हैं.
रिपोर्ट कहती है कि चीन में ये काम सरकार की छत्रछाया में संगठित ढंग से हो रहा है. बड़े पैमाने पर हो रहा है. दरअसल पिछले दो दशकों में चीन पर ऐसे आरोप लगातार लगे हैं. दुनिया में सबसे ज्यादा आर्गन ट्रांसप्लांट चीन में होते हैं. दूसरे देशों से बड़े पैमाने पर लोग वहां गैरकानूनी आर्गन ट्रांसप्लांट के लिए जाते हैं. चीन को कई जगहों पर आर्गन ट्रांसप्लांट का ब्लैक मार्केट भी कहते हैं.
आरोप लगाने वाले कोई और नहीं बल्कि चीन से आए हुए वो लोग हैं, जो फालुन गांग नाम के उस आध्यात्मिक ग्रुप से संबंधित हैं, जिन्होंने पिछले दो दशकों में हजारों की संख्या में चीन से पलायन किया है. इस ग्रुप से संबंधित हजारों लोग चीन की जेलों में भी हैं. साथ ही ऐसे लोग भी हैं जिनके संबंधी चीन में राजनीतिक कैदी हैं. इनके अलावा पिछले दिनों उइगर मुसलमानों ने भी कई मंचों के जरिए उत्पीड़न की दर्दनाक कहानियां पेश की हैं, ये कहानियां वहां की जेलों में बंद कैदियों के जबरिया आर्गन निकालने की हैं.
इन सभी लोगों से जुड़े संगठन कई सालों से चीन की इस करतूत के खिलाफ पूरी दुनिया में आवाज उठा रहे हैं. वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन से लेकर दुनिया के तमाम मानवाधिकार संगठनों और कई देशों की सरकारों के सामने वो गुहार कर चुके हैं. इसी की बिना पर पिछले साल “इंटरनेशनल कोएलेशन टू इंड ट्रांसप्लांट एब्यूज इन चाइना” नाम के संगठन ने मानवाधिकारवादियों, डॉक्टरों और वकीलों को लेकर एक ट्रिब्यूनल बनाया.
ट्रिब्यूनल ने ढेर सारे लोगों से बात की. इनमें वो लोग थे जो चीन से भागकर विदशों में शरण लिए हुए हैं. ट्रिब्यूनल ने सबूत इकट्ठे किए. जेल से रिहा लोगों से बात की. इन सब बातों के आधार पर रिपोर्ट बनाई. दिसंबर 2018 में जब रिपोर्ट पेश हुई तो इससे साफ था कि चीन में धडल्ले से क्रूरता से भरा ये अमानवीय अपराध हो रहा है. ट्रिब्यूनल ने साफ कहा कि उसे चीन सरकार की उस बात पर कतई विश्वास नहीं कि वर्ष 2015 से देश में आर्गन ट्रैफिकिंग रोकी जा चुकी है.