सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए सदस्यों काे पूर्व विदेश मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता श्रीमती सुषमा स्वराज के निधन की जानकारी दी। उन्होंने श्रीमती स्वराज के संसद तथा सार्वजनिक जीवन में याेगदान का उल्लेख करते हुए शोक संदेश पढ़ा। इसके बाद सदस्यों ने दो मिनट को मौन धारण कर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी।
बाद में विधायी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे गये और उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या को बढ़ाने से संबंधित एक विधेयक बिना चर्चा के सदन में पारित किया गया। श्री नायडू ने सत्र के दौरान हुए कामकाज का ब्यौरा देते हुए कहा कि यह सत्र पूरीतरह सफल रहा और इसमें सुचारू ढंग से कामकाज हुआ। सत्र के दौरान कुल 35 बैठक हुई और इस दौरान 32 विधेयक पारित किये गये और 39 विषयों पर चर्चा हुई।
उन्होंने कहा कि यह पिछले 17 वर्ष में सबसे बेहतरीन सत्र रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने परस्पर सहयोग से काम किया जिससे देश में सामाजिक और आर्थिक सुधार तथा विकास से संबंधित कामकाज हुआ। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। राज्यसभा का सत्र 20 जून से शुरू हुआ था। यह 26 जुलाई तक निर्धारित था लेकिन बाद में इसकी अवधि सात अगस्त तक बढ़ाई गयी।