अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम की जनहित योजनाओं को, बैंकों का असहयोग, लगा रहा पलीता
April 17, 2019
लखनऊ , अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम की जनहित योजनाओं को, बैंकों का असहयोग पूर्ण रवैयै, पलीता लगा रहा है। जिसके कारण गरीबों को ऋण न मिलने के चलते बड़ी तादाद में मजदूर रोजगार के लिए गैर प्रांत में पलायन करने को मजबूर हैं।
क्या है अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना –
अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना के अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को स्वरोजगार अपनाने के लिए ऋण बैंकों के माध्यम से दिया जाता है।
इसके लिए पात्सेर दयक्तियों से प्रार्थनापत्र मांगे गए । शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले अनुसूचित जाति के एसे व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय 56460 से अधिक न हो। वहीं नगरीय क्षेत्र में व्यवसायिक स्थल पर दुकान निर्माण योजना में जिन अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के पास स्वयं की 13.32 वर्गमीटर भूमि होगी, वही इस योजना के पात्र होंगे।
इस योजना में शासन द्वारा दुकान बनवाने के लिए 78 हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी। जिसमें 10 हजार अनुदान तथा 68 हजार बिना ब्याज के दिया जाएगा। जिसकी अदायगी 10 वर्षों में की जाएगी।
धोबी समाज के व्यक्तियों के लिए लांड्री व ड्राई क्लीनिक योजना संचालित है। जिसमें उन्हें 2.16 लाख रुपये दिए जाएंगे। जिसमें 10 हजार रुपये अनुदान तथा 2.06 लाख रुपये ब्याज से मुक्त होगा। यह रकम पांच वर्षों में जमा करनी होगी।
इच्छुक व्यक्ति के पास आय, जाति, सामान्य निवास, आधार कार्ड, दुकान निर्माण संबंधित भूमि कागजात होने चाहिये।
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम द्वारा संचालित पं दीनदयाल स्वरोजगार योजना में बैंकों का असहयोग लोकसभा चुनाव में एक मुद्दा बन कर उभरा है।
जिले में गरीबों को ऋण न मिलने के चलते बड़ी तादाद में मजदूर रोजगार के लिए गैर प्रांत में पलायन करने को मजबूर हैं।