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किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर का बड़ा बयान

नई दिल्ली , दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने जमकर उत्पात मचाया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया, लेकिन वे नहीं माने। दिल्ली में हुई इस हिंसा के बाद पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने किसान नेताओं पर विश्वासघात का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि किसानों ने पुलिस के साथ विश्वासघात किया। हमारे सामने कई विकल्प थे, लेकिन हमने संयम बरता।

पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि हमें 2 जनवरी को ट्रैक्टर रैली की जानकारी मिली थी। जानकारी मिलते ही हमने किसान नेताओं से बात की। हमने 26 जनवरी को परेड नहीं निकालने को कहा, लेकिन वे दिल्ली में रैली निकालने पर अड़े रहे। एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि 25 जनवरी को हमने महसूस किया कि किसान उपद्रवी तत्वों को आगे बढ़ा रहे हैं। किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू ने भड़काऊ भाषण दिए तो वहीं दर्शनपाल सिंह ने रूट फॉलो नहीं किया. उन्होंने किसानों को भड़काया।  पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हमने किसान नेताओं को KMP (कुंडली-मानेसर-पलवल) का ऑप्शन दिया। उनकी सिक्योरिटी, मेडिकल, सब्जी की सुविधा देने का हमने वादा किया था। सबसे पहले बोला गया कि 26 जनवरी की जगह कोई और तारीख रख लें, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।

पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि किसान नेता किसानों को उकसा रहे थे और वे वही थे जो पूर्व निर्धारित मार्गों पर जाने से इनकार कर रहे थे। हमारे पास ऐसे वीडियो हैं जो दिखा रहे हैं कि कैसे नेता किसानों को उकसा रहे थे। गाजीपुर से राकेश टिकैत की टीम ने बैरिकेड को तोड़ा और आगे बढ़ गए। पुलिस के सामने कई विकल्प थे, लेकिन हमने संयम बरता। किसान नेता भी हिंसा में शामिल थे। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हिंसा में पुलिस की 30 गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

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दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा कि कोई भी किसान नेता दोषी पाया जाता है तो उसको छोड़ा नहीं जाएगा। पुलिस ने 25 से ज्यादा केस दर्ज किए हैं। हमारे पास हिंसा से जुड़े वीडियो फुटेज हैं। हम चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। अब तक 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 50 लोगहिरासत में हैं।

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि दिल्ली के लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते कुछ नियम और शर्तें लागू करने का फैसला लिया गया था। किसान नेताओं को लिखित में दिया गया था कि रैली दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक ही होगी। रैली का नेतृत्व किसान नेता करेंगे। साथ ही लिखित में ये भी दिया गया था कि रैली में 5 हजार से ज्यादा ट्रैक्टर नहीं शामिल होंगे और कोई भी हथियार नहीं होंगे।