कभी कांग्रेस का गढ़ होता था यह राज्य, लेकिन अब दो दशक से है इस क्षेत्रीय पार्टी का कब्जा
April 18, 2019
पुरी, आध्यात्म और पर्यटन के लिए विश्व भर में मशहूर ओडिशा का पुरी कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था लेकिन पिछले दो दशक से यहां बीजू जनता दल की बादशाहत है। भगवान जगन्नाथ की नगरी के रुप में विख्यात पुरी में अभी तक भारतीय जनता पार्टी को जीत का आशीर्वाद नहीं मिला है। पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का भी यहां असर नहीं दिखा और भाजपा काे जीत नहीं मिली।
गत दो आम चुनावों में बीजद की जीत का परचम लहरा रहे श्री पिनाकी मिश्रा इस बार भी चुनाव की पिच पर डटे हैं और हैट्रिक लगाने की कोशिश में लगे हैं। भाजपा ने इस बार अपने प्रवक्ता संबित पात्रा को यहां चुनाव मैदान में उतारा है। लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों की घोषणा से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के यहां से चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर थी , लेकिन डॉ. पात्रा को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद इन कयासों पर विराम लग गया।
पार्टी प्रवक्ता के रूप में टीवी चैनलों में बहस और परिचर्चा के दौरान तर्क-वितर्क करने और धाराप्रवाह बोलने की वजह से कभी-कभी विवाद का विषय बने श्री पात्रा पुरी में चुनाव यात्रा बनाम भोजन यात्रा के जरिए भी आकर्षण का केंद्र बने हैं। डॉ. पात्रा चुनाव प्रचार के दौरान कभी किसी पिछड़े दलित के घर चले जाने और उनके यहां भोजन करने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं । कांग्रेस ने पत्रकार से नेता बने सत्य प्रकाश नायक को अपना उम्मीदवार बनाया है।
एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि यहां से चुनाव लड़ रहे बीजद के पिनाकी मिश्रा , भाजपा के संबित पात्रा तथा कांग्रेस के सत्य प्रकाश नायक अपनी-अपनी पार्टी के प्रवक्ता भी हैं और इस तरह से पुरी के चुनाव ने ‘वॉर बिटवीन पार्टीज स्पोक्समैन’ का भी रूप ले लिया है । पुरी स्थित ‘गोल्डन बीच’ समुद्र की विशाल बलखाती लहरों के लिए यहां आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। चुनाव के माहौल को लेकर यहां गोल्डन बीच के समीप एक होटल के प्रबंधक विजय चक्रवर्ती ने कहा कि पुरी की अर्थव्यवस्था मुख्यतः पर्यटन पर निहित है।
राज्य में बीजद सरकार अच्छा काम कर रही है तथा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उसने काफी कदम उठाये है जिसका लाभ बीजद और उसके उम्मीदवारों को मिलता रहेगा। इस लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें हैं । इनमें से पांच बीजद तथा एक-एक सीट भाजपा और निर्दलीय के खाते में है। इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजद , कांग्रेस और भाजपा के अलावा बहुजन समाज पार्टी , अखिल भारतीय हिन्दू महासभा और कलिंग सेना ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
इस सीट के लिए तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान होगा और एक महीने बाद 23 मई को मतगणना के बाद पता चलेगा कि इस बार भगवान जगन्नाथ की कृपा किस पर रही और जनता-जनार्दन ने किसे अपना नुमांइदा चुना ।