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कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों का चक्का जाम

जालंधर, पंजाब में कृषि विधेयकों के विरोध में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के तीन दिवसीय रेल रोको आंदोलन के दूसरे दिन शुक्रवार को किसान और मजदूर संगठन रेलवे ट्रेक और सड़कों पर धरने पर बैठे हुए हैं।

किसान संगठनों की ओर से आहूत पंजाब बंद को भरपूर समर्थन मिल रहा है। इस विधेयक के खिलाफ देशभर के किसानों ने आज भारत बंद बुलाया है। पंजाब-हरियाणा में भी किसान पिछले कई दिनों से कृषि विधेयकों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन समेत विभिन्न किसान संगठन इस बंद में शामिल हैं। किसान संगठनों को कांग्रेस, राजद, समाजवादी पार्टी, अकाली दल, आप समेत कई राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है। पंजाब के किसान गुरुवार से ही तीन दिनों के रेल रोको आंदोलन पर हैं। वहां किसान रेलवे ट्रैक पर डटे हुए हैं और विधेयक को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

देशव्यापी बंद को देखते हुए पंजाब के लुधियाना के लाडोवाल टॉल प्लाजा पर पुलिस प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। वहां अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है ताकि किसी अनहोनी घटना से निपटा जा सके। लुधियाना पुलिस प्रशासन ने कहा है कि किसान नेताओं ने शांतिपूर्ण आंदोलन का भरोसा दिया है। राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी किसानों से अपील की है कि वे राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखें और आंदोलन के दौरान भी सामाजिक दूरी का ख्याल रखें।

अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी द्वारा रेल रोको आंदोलन का आज दूसरा दिन है। कमेटी ने किसान बिल के विरोध में 24 से 26 सितंबर तक रेल रोको आंदोलन चलाया है। किसान रेलवे ट्रैक पर टेंट गाड़कर बैठे हुए हैं। रेलवे ने किसान आंदोलन को देखते हुए ऐहतियातन कई ट्रेनों को गंतव्य पर पहुंचने से पहले ही टर्मिनेट कर दिया है। इसके अलावा 14 ट्रेनें रद्द की गई हैं। रेलवे ने पंजाब से होकर गुररने वाली ट्रेनों का परिचालन फिलहाल रोक दिया है। किसानों की ओर से सुनाम, बरनाला, नाभा ,संगरूर में रेल रोकने की चेतावनी दी गई थी वहीं फिरोजपुर, अमृतसर में भी रेल रोकने का फैसला हुआ था। आंदोलन की वजह से फिरोजपुर डिवीजन की लगभग 14 ट्रेने रद्द की गई हैं तो कुछ के रूट में बदलाव हुआ है।

कृषि कानूनों का पंजाब में सबसे ज्यादा विरोध हो रहा है। पंजाब कृषि प्रधान सूबा है इसलिए किसान हितैषी पार्टी का दावा करते हुए कांग्रेस सबसे ज्यादा यहीं हमलावर है। गौरतलब है कि कृषि सुधार से जुड़े विधेयक को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल सहयोगी अकाली दल ने भी नाराजगी जताई थी और केंद्र में उनकी पार्टी के कोटे से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया था।

जालंधर के भोगपुर में किसान संगठनों ने मुख्य मार्ग पर धरना दिया है। अकाली दल के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया ने अमृतसर बटाला सेक्शन पर साहनेवाली के नजदीक धरना दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता राज कुमार वेरका अमृतसर के इंडिया गेट पर धरने में शामिल हैं।
अमृतसर-पठानकोट पर स्थित वेरका में भी किसानों ने मुख्य मार्ग पर धरना दिया है।अमृतसर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। यहां किसान पिछले कई दिनों से कृषि विधेयक के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। प्रशासन ने शहर के सभी क्रॉसिंग प्वाइन्ट पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है। यहां किसान पिछले कई दिनों से विधेयक के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। प्रशासन ने शहर के सभी क्रॉसिंग प्वाइन्ट पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है।

लुधियाना के लाडोवाल टॉल प्लाजा पर पुलिस प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। वहां अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है ताकि किसी अनहोनी घटना से निपटा जा सके। लुधियाना पुलिस प्रशासन ने कहा है कि किसान नेताओं ने शांतिपूर्ण आंदोलन का भरोसा दिया है। किसानों ने भारतीय किसान यूनियन और रिवॉल्यूशनरी मार्क्सिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के बैनर तले जालंधर में फिल्लौर के पास अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे को जाम कर दिया।