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सरकार बताये कानपुर का अपराधी किसके संपर्क में था: अखिलेश यादव

लखनऊ , हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का नाम लिये बगैर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से सवाल किया है कि उसे साफ करना चाहिये कि कानपुर का अपराधी किसके सम्पर्क में रहा है और कौन सत्ताधीश उससे मिलने आते थे।

श्री यादव ने रविवार को जारी बयान में कहा कि कहा कि ध्वस्त कानून व्यवस्था के मोर्चे पर भाजपा सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए विपक्ष पर आरोप मढ़ देती है। नृशंस अपराधी अपनी गतिविधियां बेखौफ चलाते रहते है, सरकार और उसका पूरा प्रशासनिक तंत्र क्यों सोता रहा। सरकार को यह तो स्पष्ट करना चाहिए कि कानपुर का अपराधी किसके सम्पर्क में रहा है और कौन सत्ताधीश उससे मिलने आते थे।

उन्होने कहा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार और संवेदनहीनता आम बात है। अपराधियों को संरक्षण, भाजपाइयों को हर अपराध में आरक्षण और जनता के लिए संघर्षशील समाजवादियों पर झूठे मुकदमें लगाना ही भाजपा का रामराज्य है। मुरादाबाद में सपा सांसद डाॅ एसटी हसन, चार विधायकों, एक पूर्व विधायक समेत 50 समाजवादी कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमों का क्या औचित्य है।

श्री यादव ने कहा कि भाजपा दमन के रास्ते पर चल रही है, जनता इसका स्वयं करारा जवाब देगी। समाजवादी कार्यकर्ता बाहर से आए श्रमिकों को भोजन बांट रहे थे तो उन पर भी मुकदमें लगा दिए गए। सरकार बदले की भावना से काम करती है।

उन्होने कहा कि भाजपा सरकार कोरोना संकट की आड़ में अपनी लापरवाहियों पर पर्दा डालती रही है। किसी की जिन्दगी से खिलवाड़ किया जाना शर्मनाक है। मेरठ में 2500 रूपए लेकर कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट देने का गोरखधंधा चल रहा है। रामपुर में एक क्वारंटाइन सेंटर में युवक ने छत से कूद कर जान दे दी। परिजनों ने सेंटर पर अव्यवस्था और उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

श्री यादव ने कहा कि सफाई कर्मियों को कोरोना योद्धा घोषित कर उन्हें मालाएं पहनाने वालों को शर्म आनी चाहिए कि उन्नाव में उन्हें कई माह से वेतन नहीं दिया गया है उनके परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए है। मुख्यमंत्री की टीम-इलेवन हो या नगरनिगम, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और प्रशासन के अधिकारी अब सभी अपने दायित्वों के निर्वहन में टालमटोल करने लगे हैं। एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा कर अपनी गलतियां छुपा रहे है। इसके नतीजे कितने खतरनाक हो सकते हैं, इसका अंदाजा होते हुए भी सब आंखे मूंदे हुए है।

उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार न तो कानून व्यवस्था सम्हाल पा रही है और नहीं स्वास्थ्य व्यवस्था। नेताओं, अफसरों और माफियाओं के गठजोड़ से स्थिति बिगड़ती जा रही है। सरकारी तंत्र का दुरूपयोग विपक्ष की आवाज दबाने के काम में हो रहा हैं। इससे समाज का हर वर्ग परेशान है। प्रदेश में अराजकता, अव्यवस्था और अत्याचार की बाढ़ आई हुई है। जनता के लिए यह स्थिति असहनीय है।