जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर, गृह मंत्रालय का अहम बयान
August 13, 2019
नयी दिल्ली, गृह मंत्रालय ने कहा है कि जम्मू.कश्मीर में लोगों की सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है और वहां लागू पाबंदियों को हटाने के बारे में निर्णय स्थानीय प्रशासन के स्थिति के मूल्यांकन के आधार पर ही लिया जायेगा।
मंत्रायल के उच्च पदस्थ सूत्रों ने आज यहां कहा कि जम्मू.कश्मीर में सरकार को लोगों को पाबंदियों के कारण हो रही असुविधा और हिंसा के कारण जान माल के नुकसान में से एक विकल्प को चुनना है और सरकार की सबसे बड़ी चिंता लोगों की सुरक्षा को लेकर है।
उन्हें रिहा करने के बारे में भी प्रशासन ही निर्णय लेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में पहले भी इस तरह के हालात रहे हैं और पहले भी पाबंदियां लगायी गयी हैं।
आतंकवादी सरगना बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद राज्य में भड़की हिंसा से निपटने के लिए उठाये गये कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय लंबे समय तक पाबंदी लगायी गयी थी।
सूत्रों ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से गड़बड़ी फैलाने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही है और इसमें कोई विशेष बात नहीं है क्योंकि सरकार इस मीडिया की निरंतर निगरानी करती रहती है। आपत्तिजनक पोस्ट और वीडियो का संज्ञान लिया जा रहा है।
इस बीच जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कहा है स्थिति के आंकलन के आधार पर घाटी में चरणबद्ध तरीके से पाबंदी में ढील दी जा रही है और जम्मू डिविजन में सामान्य स्थिति बहाल हो गयी है।
प्रशासन ने कहा है कि लोगों को बिना बाधा के मेडिकल सुविधा दी जा रही है।
अस्पताल की ओपीडी में 13 हजार से अधिक मरीजों को देखा गया है और 1400 नये मरीजों को दाखिल किया गया है। सभी अस्पतालों में दवा मुहैया करायी जा रही हैं।
अधिकारियों ने बताया है कि घाटी के हर जिले में स्वंतत्रता दिवस की रिहर्सल की गयी है और सब जगह सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं।