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नीता अंबानी व पूंजीपतियों को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने का विरोध शुरू, छात्र आंदोलित

लखनऊ,  प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी सहित पूंजीपतियों को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने के मुद्दे पर छात्र आंदोलित हो गए हैं। कुलपति आवास पर धरने पर बैठे छात्रों ने इस फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए इसे विश्वविद्यालय की गरिमा के विपरीत बताया।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में सामाजिक विज्ञान संकाय के तहत चलने वाले महिला अध्ययन एवं विकास केंद्र में नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने के प्रस्ताव का छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया है। छात्र कुलपति आवास का घेराव कर धरने पर बैठ गए। वीसी लाज पर जुटे छात्र नीता अंबानी, ऊषा मित्तल और प्रीति अडानी का विरोध करते हुए उन्हें विजिटिंग प्रोफेसर का पद न दिए जाने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। वीसी लॉज के साथ ही सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर छात्र मुखर हो गए हैं। छात्रों का आरोप है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के लोग सरकार के इशारे पर पूंजीपतियों के हाथ में इस विश्वविद्यालय को सौंपने की षड्यंत्र कर रहे हैं। यह होने नहीं दिया जाएगा।

कुलपति के निर्देश पर सामाजिक विज्ञान संकाय प्रमुख प्रोफ़ेसर कौशल किशोर मिश्र छात्रों से बात करने कुलपति आवास के बाहर आए लेकिन छात्र कुलपति से बातचीत करने पर अड़े हैं। उनका कहना है कि कुलपति को इस मुद्दे पर आकर बातचीत करनी चाहिए। बाद में छात्रों ने मांग पत्र संकाय प्रमुख सौंपा।

सूत्रों के अनुसार,  सामाजिक विज्ञान संकाय की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर 12 मार्च को भेजा गया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी की पत्नि नीता ने मुंबई विश्वविद्यालय से बीकॉम किया है और  2010 में उन्होंने रिलायंस फाउंडेशन का गठन किया था। उन्हें वर्ष 2014 में रिलायंस इंडस्ट्रीज का कार्यकारी निदेशक बनाया गया।

सूत्रों के अनुसार,  उनकी एक सफल महिला उद्यमी होने की छवि की वजह यह प्रस्ताव दिया गया है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि अगर वह बीएचयू से जुड़ती हैं तो इसके माध्यम से पूर्वी उत्तर प्रदेश में महिला उद्यम को बढ़ावा देने में मदद मिलेगा।केंद्र की समन्वयक प्रो. निधि शर्मा के अनुसार महिला उद्यम, सामाजिक समस्याओं और महिला सहानभूति के क्षेत्र में नीता अंबानी का नाम विश्व स्तर पर लिया जाता है। उनके द्वारा किए जा रहे बेहतर कार्यों की तकनीक बीएचय से लगायत पूरे पूर्वांचल के गांव-गांव में पहुंचनी जरूरी है।

सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा के अनुसार नीता अंबानी ने मौखिक तौर पर स्वीकारा भी है।