लखनऊ, उत्तर प्रदेश के एमएसएमई, निर्यात एवं प्रोत्साहन, खादी व ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि पेप्सिको इण्डिया द्वारा राज्य में 800 करोड़ का निवेश किया जायेगा।
श्री सिंह ने शुक्रवार को राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अमेरिकन चैम्बर आफ कामर्स इन इण्डिया के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि पेप्सिको इण्डिया द्वारा प्रदेश में अब 500 से बढ़ाकर 800 करोड़ का निवेश किया जायेगा। इससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 1500 लोगों को रोजगार मिलेगा।
उन्होंने बताया कि पेप्सिको मथुरा व कोसी के किसानों से 1.18 लाख टन आलू की खरीद भी करेगा, इससे किसानों की आय को बढ़ाने मदद मिलेगी। इसी प्रकार माइक्रोसाफ्ट ग्रेटर नोएडा में आईटी/आईटीज के क्षेत्र में 4000 कर्मचारियों की क्षमता का कैम्पस स्थापित करेगा।
एमएसएमई मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश एवं अमेरिका के बीच का व्यापार में प्रदेश से 2.74 बिलियन डालर के टेक्सटाइल, कपड़े, लकड़ी का सामान, कालीन, गलीचे, लोहा, स्टील व एल्मोनियम के सामानों का निर्यात हो रहा है। उन्होंने कहा कि निवेशकों ने नोएडा / ग्रेटर नोएडा में इलेक्ट्रानिक्स एवं इलेक्ट्रिकल्स के क्षेत्र में रूचि दिखाई है। इसी प्रकार फूड प्रोसेसिंग, हार्टीकल्चर, फुटवियर एवं लेदर आर्टिकल्स, केमिकल व फार्मा, एग्रीकल्चर और सर्विस सेक्टर में भी निवेश किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि निवेशकों को सहूलियत देने के लिए इज आफ डुइंग बिजनेस के तहत निवेश मित्र पोर्टल संचालित किया गया है, जिसमें सिंगल विंडो क्लियेरेंस के आधार पर उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निवेशकों को प्रदेश में प्रतिस्पर्धात्मक लो-लेवर कास्ट के साथ कुशल मैनपावर तथा श्रम कानूनों में रियायतों का लाभ मिलेगा। साथ ही इनके अनुकूल प्रदेश का इन्फ्रास्ट्रक्चर भी विकसित किया जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव एमएसएमई, निर्यात प्रोत्साहन, खादी ग्रामोद्योग उद्योग नवनीत सहगल ने उत्तर प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार की कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने अमेरिकन निवेशकों के लिए यूएसए डेस्क स्थापित किया है। इसके तहत निवेश प्रस्तावों को गति मिलेगी तथा इससे व्यापारिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि निवेश के लिए प्रदेश में श्रम कानूनों में सुधार के साथ उपयुक्त जमीन, कुशल मैनपावर और इनफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है। यहां सिविल एविएशन, डिफेंस, एयरोस्पेस, आटोमोटिव, इलेक्ट्रानिक्स, आईटी/आईटीज, एग्रीकल्चर, फूड प्रोसेसिंग, टेक्स्टाइल व लेदर के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि निवेशकों की सुविधा के लिए एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जेवर में तैयार किया जा रहा है।
बैठक में डिफेंस के क्षेत्र से मि0 बिलियम ब्लेयर, फार्मा /हेल्थ केयर /मेडिकल डिवाइस के क्षेत्र से मनोज माधवन, आईटी /आईटीज के क्षेत्र से सचिन तयाल, एग्रीकल्चर के क्षेत्र से मुकुल वाष्र्णेय, पेप्सिको इण्डिया से विराज चैहान तथा मिनिस्टर काउन्सलर आफ यूएस कामर्शियल सर्विस मि0 ऐलीन नन्दी ने चर्चा में भाग लिया।