राजनीतिक कार्टूनों को लेकर, प्रतिष्ठित समाचार पत्र न्यूयार्क टाइॅम्स ने लिया बड़ा निर्णय
June 11, 2019
न्यूयार्क, एक कार्टून को लेकर उपजे विवाद के बाद अमेरिका का प्रतिष्ठित समाचार पत्र न्यूयार्क टाइम्स अपने अंतरराष्ट्रीय संस्करण में अब राजनीतिक कार्टूनों को प्रकाशित नहीं करेगा।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक विवादास्पद कार्टून को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए विवाद के कारण समाचार पत्र ने यह फैसला किया है। कार्टून में श्री नेतान्याहू को एक कुत्ते के रूप में दिखाया गया है जिसके गले में एक स्टार वाला पट्टा है और उसके पीछे श्री ट्रंप नेत्रहीन व्यक्ति के रूप में है और यहूदी की पहचान का प्रतीक पहने हैं।
समाचार पत्र ने घोषणा की है कि वह अपने दो कार्टूनिस्टों पैट्रिक छपाटे और हेंग किम साेंग के साथ अपने संबंध समाप्त कर रहा है। समाचार पत्र के संपादकीय पेज के संपादक जेम्स बेनेट ने कहा है, समाचार पत्र इस बात को लेकर काफी गर्व महसूस करता है कि दोनों कार्टूनिस्टों ने इसके लिए अपनी सेवाएं दी हैं और दोनों ही अंतरराष्ट्रीय संस्करण से कईं वर्षों तक जुड़े रहे हैं। हम पिछले एक वर्ष से इस बात पर विचार कर रहे थे कि घरेलू संस्करण की तरह ही इसमें कोई राजनीतिक कार्टून नहीं रखा जाए और यह फैसला एक जुलाई से लागू होगा।
इस बीच कार्टूनिस्ट पैट्रिक छपाटे ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, पिछले हफ्ते मेरे नियोक्ताओं ने मुझे सूचित किया था कि वे इसमें कार्टून के प्रकाशन की परंपरा को समाप्त कर रहे हैं और यह एक जुलाई से लागू हो जाएगा। मैं बड़े दुख के साथ अपनी कलम को रख रहा हूँ। मुझे इस बात का डर है कि यह कार्टून के साथ ही नहीं हुआ है बल्कि पूरी पत्रकारिता और पूरे अभिमत के साथ हुआ है।
हम एक ऐसे विश्व में हैं जहां नैतिकतावादी भीड़ सोशल मीडिया पर एकत्र होकर एक तूफान की तरह सामने आती है और समाचार कक्षों पर एक जोरदार प्रहार करती है। प्रकाशकों को इससे निपटने के उपाय खोजने चाहिए और इसके लिए ज्यादा विचार.विमर्श करने का समय नहीं बचा है। उस कार्टून को लेकर समाचार पत्र की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी किरकिरी हुई थी और बाद में अखबार र ने स्वीकार भी किया था कि इसके प्रकाशन को लेकर सावधानी का अभाव रहा था। इसी समाचार पत्र को 2018 में राजनीतिक कार्टूनों की श्रृंखलाओं के लिए पहला पुलित्जर सम्मान मिला था जिसमें एक सीरियाई शरणार्थी परिवार की कहानी थी।